परिषदीय स्कूलों को मिली कंपोजिट ग्रांट बदलेगी स्कूलों की सूरत
कंपोजिट स्कूल ग्रांट से परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदली जाएगी। इसके लिए जिले को 6 करोड़ 36 लाख 55 हजार धनराशि उपलब्ध कराई गई है। जनपद स्तर से विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या के आधार पर यह धनराशि दी गई है।

- स्वच्छता एवं स्वास्थ्य पर खर्च करनी होगी 10 फीसदी धनराशि
राजेश कटियार, कानपुर देहात। कंपोजिट स्कूल ग्रांट से परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदली जाएगी। इसके लिए जिले को 6 करोड़ 36 लाख 55 हजार धनराशि उपलब्ध कराई गई है। जनपद स्तर से विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या के आधार पर यह धनराशि दी गई है। जल्द ही जिला स्तर से स्कूल प्रबंध समितियों के खाते में निर्धारित धनराशि भेजी जाएगी। इससे स्कूलों की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। इससे संसाधनों में इजाफा होगा साथ ही स्कूल और भी बेहतर होंगे।
एक बार फिर कंपोजिट स्कूल ग्रांट से परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदली जाएगी। विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या के आधार पर स्कूलों को यह धनराशि प्रदान की जाएगी। जल्द ही जिला स्तर से स्कूल प्रबंध समितियों के खाते में यह धनराशि भेजी जाएगी। निर्माण कार्य प्रारंभ करने के पहले और बाद में फोटो खींच कर प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। जिले में 1925 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें करीब 1 लाख 56 हजार बच्चे नामांकित हैं। कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदलने के लिए शासन ने कंपोजिट ग्रांट उपलब्ध कराई है।
मूलभूत सुविधाओं से लैस होंगे विद्यालय-
कंपोजिट स्कूल ग्रांट से विद्यालयों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएगी। इसमें स्वच्छता और हैंडवाशिंग, शौचालय की क्रियाशीलता, शुद्ध पेयजल, शिक्षण सहायक सामग्री, प्राथमिक उपचार किट, अग्निशमन यंत्र, विद्युत उपकरण, कंप्यूटर शिक्षण, अनुरक्षण कार्य, आवश्यकतानुसार रंगाई-पुताई, स्टेशनरी, चटाई और टाट-पट्टी आदि कार्य प्रमुख हैं। इसमें से न्यूनतम 10 प्रतिशत धनराशि स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान कार्यक्रम पर खर्च के लिए निर्धारित हैं जो विद्यालय भवन, परिसर एवं छात्रों की स्वच्छता पर व्यय किया जायेगा।
टैबलेट रिचार्ज के लिए मिला बजट-
ऑनलाइन हाजिरी लगाने के लिए शिक्षकों को टैबलेट दिए गए हैं। बजट के अभाव में शिक्षक बार-बार सिम खरीदने व रिचार्ज के बजट की मांग कर रहे थे। अब यह पूरी हो गई है। नवंबर से मार्च तक 1500 रुपये प्रत्येक विद्यालय को दिए गए हैं। इस अवधि में प्रधानाध्यापक टैबलेट को रिचार्ज करवा सकते हैं।
वित्त एवं लेखाधिकारी आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि कंपोजिट ग्रांट के तहत बजट मिला है। प्रत्येक विद्यालय को आवश्यकतानुसार बजट आवंटित किया जाएगा।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.