पुखरायां उपखंड अधिकारी ने बिजली निगमों के निजीकरण पर चिंता जताई
पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की योजना पर चिंता जताते हुए, पुखरायां के उपखंड अधिकारी इ. आर. के. वर्मा ने कहा है कि इस कदम से आम नागरिकों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा।

- निजीकरण से आम नागरिकों पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ: इ. आर. के. वर्मा
पुखरायां: पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की योजना पर चिंता जताते हुए, पुखरायां के उपखंड अधिकारी इ. आर. के. वर्मा ने कहा है कि इस कदम से आम नागरिकों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा।
एक प्रेस विज्ञप्ति में, श्री वर्मा ने कहा कि निजीकरण से बिजली की दरों में भारी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिलती है, लेकिन निजीकरण के बाद उन्हें प्रति यूनिट 10 रुपये तक का भुगतान करना होगा। इसी तरह, गरीबों और किसानों को मिलने वाली सस्ती बिजली भी महंगी हो जाएगी।
श्री वर्मा ने यह भी कहा कि निजीकरण से रोजगार के अवसर कम होंगे और बेरोजगारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग में वर्तमान में काम कर रहे हजारों संविदा कर्मियों का भविष्य अधर में लटक जाएगा।
उन्होंने आम नागरिकों से निजीकरण के खिलाफ एकजुट होने और इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाने का आग्रह किया।
निजीकरण के संभावित परिणाम:
- किसानों को सिंचाई के लिए महंगी बिजली मिलेगी।
- गरीबों और आम नागरिकों को मिलने वाली सस्ती बिजली महंगी हो जाएगी।
- रोजगार के अवसर कम होंगे और बेरोजगारी बढ़ेगी।
- बिजली विभाग में काम कर रहे हजारों संविदा कर्मियों का भविष्य अधर में लटक जाएगा।
- ट्रांसफार्मर बदलने और नई लाइनें बिछाने जैसे कार्यों का खर्च उपभोक्ताओं को वहन करना होगा।
उपखंड अधिकारी की अपील:
श्री वर्मा ने आम नागरिकों से अपने भविष्य की रक्षा के लिए निजीकरण के खिलाफ एकजुट होने और इस लड़ाई में उनका साथ देने का आग्रह किया है।
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