बजट से उम्मीद : बचत खाते के ब्याज पर कर कटौती में वृद्धि संभव, वित्त वर्ष में अर्जित 10 हजार रुपये तक मिलती है कर छूट
आगामी एक तारीख को पेश होने वाले अंतरिम बजट में वित्तमंत्री आम लोगों के लिए बैंक के बचत खाते में रखे पैसे पर मिलने वाले ब्याज पर एक वित्तीय वर्ष में मिलने वाली कर रहित ब्याज की सीमा 10 हजार रुपये से बढ़ा सकती हैं। इस नियम के तहत साल भर में 10 हजार रुपये तक अर्जित ब्याज को करमुक्त माना जाता है।
कानपुर देहात। आगामी एक तारीख को पेश होने वाले अंतरिम बजट में वित्तमंत्री आम लोगों के लिए बैंक के बचत खाते में रखे पैसे पर मिलने वाले ब्याज पर एक वित्तीय वर्ष में मिलने वाली कर रहित ब्याज की सीमा 10 हजार रुपये से बढ़ा सकती हैं। इस नियम के तहत साल भर में 10 हजार रुपये तक अर्जित ब्याज को करमुक्त माना जाता है।
अनुमान है कि सरकार लोगों को राहत देने के उद्देश्य से इस सीमा को बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने वाली है। वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में भी सरकार ने आम आदमी को टैक्स और मानक कटौती में राहत की सौगात दी थी। माना जा रहा है कि इस बार में भी सरकार इस दिशा में घोषणाएं कर सकती है। अभी बचत खाते पर ब्याज बहुत कम मिलता है। अभी एक बचत खाते में सालाना 2-4 फीसदी का ब्याज मिलता है। हालांकि कुछ निजी बैंक बचत खाते पर सात फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं लेकिन उसके लिए खाते में एक तय सीमा से अधिक पैसा होना चाहिए।
क्या है नियम-
आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 टीटीए के अनुसार यदि किसी व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार को बचत खाते से ब्याज आय होती है तो कुल आय से 10000 रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है। करदाता एफडी, रेकरिंग डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट जमा आदि पर मिलने वाले ब्याज के लिए कटौती नहीं ले सकते।
कटौती 2012 से की शुरू-
सरकार ने छोटी बचत को बढ़ावा देने के लिए बजट 2012 में धारा 80 टीटीए के तहत कटौती शुरू की थी। हालांकि तब से कटौती की सीमा बरकरार है। माना जा रहा है कि सरकार इस कटौती को मौजूदा 10000 रुपये से बढ़ाकर 50000 रुपये कर सकती है। सरकार इस पर विचार कर सकती है क्योंकि इसमें लंबे समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है।