लखनऊउत्तरप्रदेशफ्रेश न्यूज

बसपा मुखिया मायावती बोलीं- राजस्थान में दलित की पीट-पीट कर हत्या पर कांग्रेस के नेता चुप क्यों

लखीमपुर खीरी में उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मृत्यु के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को घेरने वाली बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस की अतिरिक्त सक्रियता पर सवाल उठा दिया है।

लखनऊ, अमन यात्रा । लखीमपुर खीरी में उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मृत्यु के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को घेरने वाली बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस की अतिरिक्त सक्रियता पर सवाल उठा दिया है। मायावती ने राजस्थान में एक दलित की पीट-पीटकर हत्या के मामले में राजस्थान सरकार के साथ ही कांग्रेस को भी घेरा है।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को सिलसिलेवार तीन ट्वीट में देश भर में हिंसा के मामलों पर सरकारों को घेरने के साथ ही सलाह भी दी है। बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि राजस्थान के हनुमानगढ़ में दलित की पीट-पीट कर की गई हत्या अति-दु:खद व निन्दनीय है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकरण पर कांग्रेस हाईकमान की चुप्पी समझ से परे है। कांग्रेस चुप क्यों है। उन्होंने कहा कि क्या छत्तीसगढ़ व पंजाब के मुख्यमंत्री वहां जाकर पीड़ित परिवार को 50-50 लाख रुपये की मदद देंगे। जिस तरह लखीमपुर खीरी जाकर पंजाब तथा छत्तीसगढ़ के सीएम ने पीड़ित परिवारों को 50-50 लाख रुपए की मदद देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि बसपा तो कांग्रेस से इसका जवाब चाहती है वरना यह लोग दलितों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें।

jagran

मायावती ने इसके साथ ही कहा कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जघन्य कांड में केन्द्रीय मंत्री के बेटे का नाम सुर्खियों में आना यह भाजपा सरकार की कार्यशैली पर अनेकों सवाल खड़े करता है। बहुजन समाज पार्टी मांग करती है कि ऐसे में भारतीय जनता पार्टी अपने मंत्री से खुद ही इस्तीफा ले तभी वहां पीड़ित किसानों को कुछ न्याय की उम्मीद हो सकती है।

मायावती ने कहा कि इसके अलावा जम्मू व कश्मीर में आए दिन आतंकी गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही है। आतंकी लगातार निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे हैं। यह अति-दु:खद व शर्मनाक है। बसपा की मांग है कि अब केन्द्र सरकार इन घटनाओं का संज्ञान लेकर सख्त कदम उठाये।

Print Friendly, PDF & Email
pranjal sachan
Author: pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

Related Articles

AD
Back to top button