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बाहुबली मुख्‍तार अंसारी को जेल में हत्या की आशंका, अदालत से लगाई सुरक्षा की गुहार

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने अपनी हत्या की आशंका जताते हुए अदालत से सुरक्षा की गुहार लगाई है। अपने अधिवक्ता के माध्यम से विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है। गुरुवार को अंसारी की वीडियो कांफ्रेसिंग से पेशी हुई। अदालत ने आरोप तय करने व प्रार्थना पत्र पर निर्णय के लिए आठ अक्टूबर की तारीख नियत की है।

आगरा, अमन यात्रा । बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने अपनी हत्या की आशंका जताते हुए अदालत से सुरक्षा की गुहार लगाई है। अपने अधिवक्ता के माध्यम से विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है। गुरुवार को अंसारी की वीडियो कांफ्रेसिंग से पेशी हुई। अदालत ने आरोप तय करने व प्रार्थना पत्र पर निर्णय के लिए आठ अक्टूबर की तारीख नियत की है।

वर्ष 1999 में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों द्वारा सेंट्रल जेल में छापे के दौरान मुख्तार अंसारी की बैरक से मोबाइल व बुलेट प्रूफ जैकेट मिली थी। अंसारी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ चार्जशीट लगाई थी। जिस पर अंसारी द्वारा आरोपों से डिस्चार्ज करने के लिए विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। अदालत ने 22 सितंबर को डिस्चाई प्रार्थना पत्र को खारिज करते आरोपत तय करने को 30 सितंबर की तारीख नियत की थी

गुरुवार को अंसारी के खिलाफ आरोप तय होने थे। उसकी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई। अंसारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डा. रवि अरोरा द्वारा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें कहा गया कि वह लगातार मऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। उसके विरुद्ध राजनीतिक द्वेषवश मुकदमे दर्ज कराए जाते रहे हैं। वर्तमान में वह बांदा जेल में निरुद्ध है। उक्त मुकदमा आगरा में विचाराधीन होने के कारण वीडियो कांफ्रेंसिंग से अदालत में पेशी होती है। उक्त प्रार्थना पत्र अंसारी ने अपने बड़े भाई के माध्यम से अदालत में पेश कराया। उसने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर पंजाब की जेल से बांदा जेल में स्थानांतरित किया गया।

अंसारी की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में उसने आशंका जताई की यहां शासन व जेल प्रशासन उसकी हत्या कराने का प्रयास कर रहे हैं। बांदा जेल में बिना लिखा-पढ़ी एवं कोर्ट के आदेश के बिना लोग अंदर आ रहे हैं। जिसकी पुष्टि जेल के गेट की जीडी व गेट बुक एवं सीसीटीवी फुटेज से की जा सकती है। जिन मुकदमों में उसकी गवाही है, उनके अभियुक्तों से भी उसे जान का खतरा है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान उसने खाने में जहर देकर हत्या की आशंका जताई। उसने अदालत से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए गेट बुक एवं सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मंगाने का भी आग्रह किया।

मुख्तार अंसारी के वरिष्ठ अधिवक्ता डा. रवि अरोरा एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शर्मा के मध्य उक्त प्रार्थना पत्र पर विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए की अदालत में बहस पूर्ण हुई। अंसारी के विरुद्ध गुरुवार को आरोप तय नहीं हो सके। अदालत ने सुरक्षा संबंधी प्रार्थना पत्र पर आदेश एवं आरोप तय करने के लिए अब आठ अक्टूबर की तारीख नियत की है।

 

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Author: pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

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