बॉडी के सभी टॉक्सिन्स दूर करने और इम्यूनिटी को दुरुस्त बनाए रखने के लिए रोज़ाना पिएं तुलसी का काढ़ा
घर के आंगन किचन में मौजूद हर्ब्स में तुलसी जरूर शामिल होती है क्योंकि ये महज पूजा-पाठ के लिहाज से ही महत्वपूर्ण नहीं बल्कि और भी कई तरीकों से इस्तेमाल की जाती है। जिसमें से एक है काढ़ा जो बीमारी का बहुत ही कारगर इलाज है।
नई दिल्ली,अमन यात्रा l कोरोना से बचाव के लिए सुझाए गए उपायों में काढ़ा पीने की भी सलाह दी जा रही है। काढ़ा बनाने में पूरी तरह नेचुरल चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता है जो हर तरीके से हमारी सेहत के लिए फायदेमंद हैं और अगर आप सुबह की एक कप चाय को काढ़े से रिप्लेस कर देते हैं तो मौसम कोई भी हो आप हमेशा ही हेल्दी बने रहेंगे।
तुलसी का काढ़ा पीने के फायदे
– तुलसी के काढ़ा के सेवन से बॉडी में मौजूद सारे टॉक्सिन्स आसानी से बाहर निकल जाते हैं।
– तुलसी का काढ़ा इम्यून सिस्टम को दुरुस्त करता है।
– कब्ज, गैस, एसिडिटी से जुड़ी समस्याएं भी रोजाना काढ़ा पीने से दूर रहती हैं।
– सर्दी, जुकाम, गले में खराश जैसी प्रॉब्लम्स में तो काढ़ा रामबाण है।
कौन सी तुलसी का बनाना चाहिए काढ़ा?
दो तरह की तुलसी होती हैं एक हरे रंग की जिसे रामा तुलसी कहते हैं और दूसरी थोड़ा काले रंग की जिसे श्यामा तुलसी कहते हैं। रामा तुलसी मसालेदार और कड़वी, गर्म, सौम्य, पाचन, पसीना और बच्चों की सर्दी-खांसी की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। जबकि श्यामा तुलसी मसालेदार और कड़वी, मुलायम, चिकनी, पचने में हल्की, शोषक और वात-पित्त में लाभदायक होती है।
काढ़े के साथ ही इसका पत्ता खाना भी है लाभदायक
तुलसी भोजन द्वारा बॉडी में जाने वाले कार्बोहाइड्रेट और वसा के डाइजेशन को आसान बनाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल तत्व मौजूद होते हैं जो सर्दी-खांसी और जुकाम से दूर रखते हैं। तो अगर आपको काढ़ा बनाना मुश्किल काम लगता है तो इसका 4-5 पत्ते खाने का भी ऑप्शन है।
तुलसी का काढ़ा बनाने की विधि
एक पैन में एक कप पानी लेकर इसे उबलने के लिए रख दें। अब इसमें 7-8 तुलसी के पत्ते, 1/2 चम्मच अजवाइन, 2-3 काली मिर्च, 3-4 लौंग, चुटकी भर नमक, 1/2 टुकड़ा अदरक डाल दें। पानी को तब तक उबालना है जब तक कि वो आधा कप न रह जाए। इसके बाद इसे छान लें और गरमा-गर्म ही पिएं।
Author: AMAN YATRA
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