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भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा का वर्णन किया गया
तहसील के थानापूर्वा गांव में चल रही भागवत कथा में चतुर्थ दिवस दिन शनिवार को भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा का वर्णन किया गया। जिसमें श्रोता भाव विभोर होकर कथा का आनंद लेते रहे।
रसूलाबाद, राहुल राजपूत। तहसील के थानापूर्वा गांव में चल रही भागवत कथा में चतुर्थ दिवस दिन शनिवार को भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा का वर्णन किया गया। जिसमें श्रोता भाव विभोर होकर कथा का आनंद लेते रहे।
कानपुर देहात के रसूलाबाद तहसील के थानापुरवा गांव में हर साल की भांति इस साल भी न्यू गवा देवी कमेटी द्वारा श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ का आयोजन करवाया गया जिसमें कथा व्यास परम् श्रध्देय मोहित कृष्ण जी महाराज ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की आधी रात को मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था ।श्रीकृष्ण के जन्म की इसी शुभ घड़ी का उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा था।
द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने बुधवार के दिन रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था।अष्टमी तिथि को रात्रिकाल अवतार लेने का प्रमुख कारण उनका चंद्रवंशी होना है। श्रीकृष्ण चंद्रवंशी, चंद्रदेव उनके पूर्वज और बुध चंद्रमा के पुत्र हैं। इसी कारण चंद्रवंश में पुत्रवत जन्म लेने के लिए कृष्ण ने बुधवार का दिन चुना है। कथावाचक ने कहा रोहिणी चंद्रमा की प्रिय पत्नी और नक्षत्र हैं। इसी कारण कृष्ण रोहिणी नक्षत्र में जन्मे।
अष्टमी तिथि शक्ति का प्रतीक है, कृष्ण शक्तिसंपन्न, स्वमंभू व परब्रह्म है इसीलिए वो अष्टमी को अवतरित हुए। कृष्ण के रात्रिकाल में जन्म लेने का कारण ये है कि चंद्रमा रात्रि में निकलता है और उन्होंने अपने पूर्वज की उपस्थिति में जन्म लिया। कि श्री हरि विष्णु श्रीकृष्ण ने योजनाबद्ध रूप से पृथ्वी पर मथुरापुरी में अवतार लिया। इसके साथ साथ व्यास जी द्वारा मार्मिक कथाएं भी सुनाई गई। इस दौरान ओमकार राजपूत जगरूप राजपूत रामनारायण राजपूत राम सनेही राठौर प्रभु दयाल दीपेंद्र जयवीर चिंटू विकास विशाल भोला संदीप आरती काजोल मनीष शिवम सहित कई श्रोता मौजूद रहे।