उत्तरप्रदेशकानपुर देहातफ्रेश न्यूज

विदेशी हथियार,सुरंग से एंट्री,ऐसे आतंकियों ने दिया रियासी में श्रद्धालुओं की बस पर हमले को अंजाम

जम्‍मू कश्‍मीर के रियासी में रविवार शाम हुए आतंकी हमले के बाद सेना एक्शन में है।ड्रोन के जरिए घने जंगलों में सर्च ऑपरेशंस चलाया जा रहा हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने आतंकी हमले को काफी गंभीरता से लिया है।सुरक्षाबलों को आतंकियों के खिलाफ सख्‍त कदम उठाने का निर्देश दिया है।हमले के 24 घंटे बाद भी आतंकियों का नामो-निशान नहीं मिला है।इस घटना में तीन महिलाओं समेत दस श्रध्दालुओं की मौत हो गई है और 33 अन्य घायल हुए हैं

नई दिल्‍ली। जम्‍मू कश्‍मीर के रियासी में रविवार शाम हुए आतंकी हमले के बाद सेना एक्शन में है।ड्रोन के जरिए घने जंगलों में सर्च ऑपरेशंस चलाया जा रहा हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने आतंकी हमले को काफी गंभीरता से लिया है।सुरक्षाबलों को आतंकियों के खिलाफ सख्‍त कदम उठाने का निर्देश दिया है।हमले के 24 घंटे बाद भी आतंकियों का नामो-निशान नहीं मिला है।इस घटना में तीन महिलाओं समेत दस श्रध्दालुओं की मौत हो गई है और 33 अन्य घायल हुए हैं।

सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) समेत सुरक्षा बलों ने राजौरी जिले की सीमा से लगे तेरयाथ-पोनी-शिवखोड़ी इलाके में घेराबंदी कर दी है।ड्रोन और खोजी कुत्तों समेत निगरानी उपकरणों से लैस सुरक्षा बलों ने जिले और आसपास के इलाकों में व्यापक खोजबीन अभियान शुरू किया है। रियासी में हुए आतंकी हमले ने एक बार सुरक्षा बलों के सतर्कता लेवल को चुनौती दी है।जांच एजेसियों के मुताबिक जो इनपुट सुरक्षा तंत्र तक पहुंच रहे हैं, उनके अनुसार हमले के पीछे लश्कर के द रेजिस्‍टेंटस फ्रंट का हाथ बताया जा रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), राज्य अन्वेषण अभिकरण (एसआईए) और फोरेंसिक विभाग की टीमों ने घटनास्थल का दौरा किया और मामले की जांच शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक हमले में तीन विदेशी आतंकवादी शामिल थे। साथ ही उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में तीन आतंकवादी समूह सक्रिय हैं।अपुष्ट रिपोर्ट्स के मुताबिक कम से कम दो आतंकी रियासी के ऊपरी इलाके में अभी भी छिपे हुए हैं।घने जंगल की वजह से सुरक्षाबलों के लिए उन्हें ढूंढ़ने में मुश्किल हो रही है।आतंकियों की खोजबीन के लिए बड़े स्तर पर तलाशी अभियान जारी है।

सूत्रों ने बताया कि आतंकियों ने हमले में एम4 कार्बाइन का इस्तेमाल किया।ये असॉल्ट राइफलें 1980 के दशक में अमेरिका ने बनाई थीं।इनका इस्तेमाल दुनिया भर की सेनाओं ने बड़े पैमाने पर किया है।पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स और सिंध पुलिस की स्पेशल सिक्योरिटी यूनिट ने भी इसके एक वैरिएंट का इस्तेमाल किया है। सूत्रों के मुताबिक आतंकियों में करीब 12 जिहादी हैं, जो जम्मू क्षेत्र में तीन या दो के ग्रुप में राजौरी-पुंछ के जंगलों के अंदर रेकी कर रहे थे। इस आतंकवादी समूह में एलओसी के पार से कई पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं,जिन्होंने सुरंग के जरिए एलओसी पार की।हालांकि एलओसी के पास अभी तक कोई सुरंग नहीं मिली है, लेकिन तलाशी अभियान जारी है।

सूत्रों ने बताया कि हमले में शामिल आतंकवादियों के राजौरी और रियासी के ऊपरी इलाकों में छिपे होने की आशंका है. उन्होंने बताया कि इस इलाके में घने जंगल और गहरी खाइयां हैं। रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा ने बताया कि इलाके में खोज अभियान शुरू कर दिया गया है।उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं।जानकारी के अनुसार हमले में दो आतंकवादी शामिल थे।उन्होंने बताया कि फोरेंसिक टीम सुबह मौके पर पहुंची और पूरे इलाके की जांच की।अधिकारियों ने बताया कि हमले से जुड़ी विभिन्न सामग्री एकत्र की, जिसमें कुछ गोलियां भी शामिल हैं।अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की एक टीम भी मौके पर पहुंची और हमले की जांच कर रही स्थानीय पुलिस के साथ सहयोग किया।वहीं एसआईए की टीम ने घटना के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी जुटाई है।

बता दें कि यह हमला रविवार शाम शाम करीब छह बजकर 15 मिनट पर हुआ।श्रध्दालुओं से भरी बस शिवखोड़ी से कटरा जा रही थी।हमला उस समय हुआ जब दिल्ली में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले थे।पिछले पांच सालों में पुंछ-राजौरी सेक्टर में भारतीय सेना और आतंकियों के बीच कई बार गोलीबारी हुई है।इसमें दोनों तरफ से हताहतों की संख्या भी काफी ज्यादा रही है। 29 जून को शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा से पहले रियासी में आतंकी हमला सरकार के लिए चिंताजनक है। बता दें कि कटरा,डोडा शहर और कठुआ जिले सहित पूरे जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हुए।प्रदर्शन में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने की मांग की गई।प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाते हुए पड़ोसी देश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

anas quraishi
Author: anas quraishi

SABSE PAHLE


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading