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शहाबगंज: एक माह बीत जाने के बाद भी कर्मी नहीं दे रहे जन सूचना, प्रार्थी अब राज्य सूचना आयोग से लगायेगा गुहार….

शहाबगंज: एक माह बीत जाने के बाद भी कर्मी नहीं दे रहे जन सूचना, प्रार्थी अब राज्य सूचना आयोग से लगायेगा गुहार….

शहाबगंज, चंदौली : जिले में जनसूचना का अधिकार की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हालात ये है कि किसी भी सूचना को प्राप्त करने में पांच हजार रुपये तक लिये जा रहे हैं। आश्चर्यजनक यह कि धनराशि जमा करने के बाद करीब महीने भर बीतने पर भी सूचनाएं नहीं दी जा रही है। फिलहाल शहाबगंज ब्लाक के कर्मियों का यहीं हाल है। कौडिहार गांव निवासी सतानंद के संग तो यही हो रहा है। वैसे बीडीओ का दावा है कि सूचनाएं एक प्रक्रिया के तहत दे दी जाएंगी।

दरअसल शहाबगंज ब्लाक के कौडिहार गांव निवासी सतानंद ने एक माह पूर्व मनरेगा के तहत तीन वर्ष के अंदर, आवास, आरसीसी, चकरोड़, सहित अन्य विकास कार्यो और उसमें लगे लागत का ब्योरा जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत बीडीओ कार्यालय से मांगी। पहले तो कई दिनों तक उन्हें केवल दौड़ाया गया। अंत में सेक्रेटरी ने उन्हें पांच हजार शुल्क जमा करने को कहा। कारण बताया कि आप द्वारा मांगी गई सूचना करीब 2500 पेज में है। ऐसे में प्रति कॉपी दो रुपये के हिसाब से पांच हजार रुपये देने पड़ेंगे। खैर पांच हजार रुपये सतानंद ने जमा कर दिया। आश्चर्यजनक यह कि, जो 2500 पेज में ब्योरा उपलब्ध है।

इस संबंध में अधिवक्ता का कहना है कि कर्मी सूचनाएं देना ही नहीं चाहते हैं। वहीं जब बीडीओ से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि सूचनाएं प्रक्रिया के तहत उपलब्ध करा दी जाएगी। वहीं सतानंद का कहना है कि धनराशि जमा करने के बाद एक महीने के अंदर सूचना नहीं मिलने पर धनराशि वापस करने का प्रावधान है और साथ सूचनाएं देना कर्मियों का दायित्व है। कहा कि यदि ऐसे ही हीलाहवाली होती रही तो राज्य सूचना आयोग में गुहार लगाऊंगा।

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Author: aman yatra


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