मेरठ में चमका चांदी का कारोबार, जानिए त्योहारी सीजन में किन आइटमों की हैं ज्यादा डिमांड
मेरठ में त्योहारी सीजन शुरू होते ही बाजार में चांदी की चमक तेज हो गई है। नवरात्र से लेकर दीपावली तक चांदी के गहने, मूर्तियां, सिक्के और गिफ्ट आइटम की मांग सामान्य दिनों की अपेक्षा काफी बढ़ जाती है। क्योंकि पूजा में प्रयोग होने वाले चांदी के बर्तन हों या देवी-देवताओं की मूर्तियां इनकी खूब खरीदारी की जाती है।
मेरठ, अमन यात्रा । मेरठ में त्योहारी सीजन शुरू होते ही बाजार में चांदी की चमक तेज हो गई है। नवरात्र से लेकर दीपावली तक चांदी के गहने, मूर्तियां, सिक्के और गिफ्ट आइटम की मांग सामान्य दिनों की अपेक्षा काफी बढ़ जाती है। क्योंकि पूजा में प्रयोग होने वाले चांदी के बर्तन हों या देवी-देवताओं की मूर्तियां इनकी खूब खरीदारी की जाती है।
दामों में आया उछाल
यही कारण है कि पिछले एक सप्ताह में चांदी की कीमत 62 हजार रुपये से बढ़कर 63 हजार रुपये प्रति किलो हो गई है। मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि त्योहारी सीजन में चांदी की चमक के साथ ही कीमत भी बढ़ेगी। नवरात्र के शुरुआती दिनों में ही बाजार में 25 से 30 फीसद की तेजी है, जो दीपावली और बढ़ जाएगी। जिसे देखते हुए विक्रेताओं को इस त्योहारी सीजन से काफी उम्मीदें हैं।
दूर-दूर तक मशहूर हैं मेरठ के मोती और कलश
मेरठ में बने सोने के आभूषण हों या फिर चांदी के मोती, कलश, हटरी, पायल और बिछुआ। इनके डिजाइन की वजह से दूर-दूर तक मशहूर हैं। मेरठ के बने चांदी के मोती अहोई अष्टमी पूजन में काम आते हैं, तो यहां की बनी हटरी दीपावली पूजन के लिए लोग खरीदते हैं। यहां के बने बिछुआ और पायल भारी और मीनाकारी से डिजाइन किए हुए होते हैं। जिनकी देहरादून, दिल्ली, बुलंदशहर, बागपत, बड़ौत, मोदीनगर, अलीगढ़, हापुड़, मुरादाबाद और रामपुर तक डिमांड है।
गिफ्ट आइटम में सिक्कों की बहार
त्योहारी सीजन में दोस्तों और रिश्तेदारों को यादगार उपहार देने के लिए चांदी के बर्तनों से मूर्तियां और चांदी के पर्स, ग्लास और सजावटी सामान की इस बार काफी मांग है। इसके अलावा चांदी के सिक्के सबसे ज्यादा डिमांड में हैं। जिन्हें आकर्षक गिफ्ट पैक में रखा गया है। इन सिक्कों का वजन 10 से 100 ग्राम तक है और कीमत 800 से 8 हजार रुपये।
त्योहारी सीजन में बढ़ी एंटीक ज्वेलरी की मांग
महिलाओं के श्रृंगार के बिना कोई भी त्योहार अधूरा है। ऐसे में इस साल त्योहारी सीजन में जयपुर जोधपुर की बनी चांदी की एंटीक ज्वेलरी बाजार में छायी हुई हैं। जिसमें ईयररिंग से लेकर नेकलेस सेट, कंगन, ङ्क्षरग और पायल और बिछुआ भी हैं। रंग-बिरंगे स्टोन में पिरोई गई चांदी की यह डिजाइनर ज्वेलरी महिलाओं को खूब आकर्षित कर रही हैं।
इनका कहना है
दो साल बाद बाजार की रौनक एक बार फिर लौट आई है। नवरात्र के शुरुआती दिनों में ही लोगों ने त्योहारों की खरीदारी शुरू कर दी है। जिससे दीपावली तक बाजार बढऩे की उम्मीद है। बाजार को देखते हुए लगता है कि चांदी के भाव अभी और बढ़ेंगे।
– विजय आनंद, अग्रवाल बंधु ज्वेलर्स, सराफा कागजी बाजार
सोने के आभूषण हों या चांदी के बर्तन और मूर्तियां। मेरठ के सराफा बाजार की अपनी एक अलग पहचान है। विक्रेता दूर-दूर से यहां माल खरीदने आते हैं और यही हमारी पहचान है।
– अन्नू अग्रवाल, अवध जी चांदी वाले, सराफा बाजार
हमारे यहां के बने चांदी के कलश की काफी मांग है। इन पर की गई नक्काशी ही इनकी पहचान है। लोग पूजा और करवाचौथ के लिए इन्हें खरीदते हैं। इसके अलावा इस बार डिजाइनर चांदी के सिक्के भी बाजार में छाए हुए हैं। जिन पर देवी-देवताओं के आकर्षक चित्र बनाए गए हैं।
– अंकुर जैन, अरिहंत ज्वेलर्स, नील गली