कानपुर, अमन यात्रा । आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के दो दिवसीय अधिवेशन के पहले दिन शिक्षा और एकजुटता से समाज को मजबूत करने पर जोर दिया गया, वहीं देर शाम बोर्ड के चुनाव में नया अध्यक्ष भी घोषित किया गया। चुनाव में मौलाना राबे को अध्यक्ष नामित किया गया, उनका चुनाव लगातार छठवीं बार इस पद पर हुआ है। उनके अलावा कमेटी में कई सदस्य भी नामित किए गए हैं, वहीं अधिवेशन के दूसरे दिन रविवार को महामंत्री का चुनाव होना है। पहले दिन चुनाव में बोर्ड के सदस्य व आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी भी आए थे।

मौलाना राबे फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष

कानपुर में आयोजित आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के अधिवेशन में कमेटी का चुनाव हुआ। बोर्ड के चुनाव में मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी छठवीं बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। इसके अलावा डा.सईद नकवी (अलीगढ़), मौलाना सैय्यद अरशद मदनी उपाध्यक्ष, मौलाना साबिर अहमद (कर्नाटक), मौलाना मो. यूनुस अली (असम), मुफ्ती मुहम्मद उबेदुल्ला असदी (बांदा), मौलाना बिलाल हसनी नदवी (लखनऊ), ताहिर हकीम एडवोकेट (गुजरात), फातिमा जफर (तमिलनाडु), अतिया (दिल्ली), डा. निकहत परवीन (लखनऊ) अधिशासी कमेटी में शामिल किया गया है। बोर्ड के सदस्य व आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी भी पहुंचे थे।

 

अब महामंत्री का चुनाव होना बाकी है, जो अधिवेशन के दूसरे दिन रविवार को होगा। मदरसा दारुल तालीम व सनअत (डीटीएस) जाजमऊ में आयोजित अधिवेशन में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य व आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी भी करीब एक बजे पहुंचे और शाम चार बजे सत्र समाप्ति के बाद चले गए। अध्यक्ष सैयद राबे हसनी नदवी, कार्यवाहक महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी समेत देश के पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए हैं। अधिवेशन के दूसरे दिन कई प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा के बाद प्रस्ताव भी पारित करने की तैयारी है।

सीएए-एनआरसी की वापसी की मांग ने पकड़ा जोर

प्रधानमंत्री द्वारा कृषि बिल वापस लेने की घोषणा के बाद अब सीएए और एनआरसी की वापसी की मांग जोर पकड़ने लगी है। अधिवेशन के दौरान बोर्ड की बैठक में जमीयत उलमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और दिल्ली से आए बोर्ड के सदस्य महमूद प्राचा ने कहा कि कृषि कानून की तरह सरकार को अब सीएए व एनआरसी को भी वापस लेना चाहिये। सीएए-एनआरसी के खिलाफ देश भर में हुए आंदोलन के बाद ही किसानों को कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन की प्रेरणा मिली। मदनी ने साफ किया कि सीएए-एनआरसी पर्सनल ला बोर्ड का मुद्दा नहीं है और बोर्ड का कार्य शरीयत के मामले देखना है।