राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की जनपद स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रोजेक्ट निर्माण पर चर्चा
उन्नाव जनपद में स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारितंत्र को समझना विषय पर 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के सफल आयोजन हेतु उप शिक्षा निदेशक एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सतीश कुमार तिवारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक एसपी सिंह के निर्देशन में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान स्थित स्काउट भवन में हुआ जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने 10 से 17 आयु वर्ग के विद्यार्थियों में प्रोजेक्ट निर्माण द्वारा वैज्ञानिक चेतना के विकास हेतु मार्गदर्शन किया।
अमन यात्रा, उन्नाव। उन्नाव जनपद में स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारितंत्र को समझना विषय पर 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के सफल आयोजन हेतु उप शिक्षा निदेशक एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सतीश कुमार तिवारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक एसपी सिंह के निर्देशन में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान स्थित स्काउट भवन में हुआ जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने 10 से 17 आयु वर्ग के विद्यार्थियों में प्रोजेक्ट निर्माण द्वारा वैज्ञानिक चेतना के विकास हेतु मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्वयक अवध किशोर ने अतिथियों का स्वागत कर किया। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए विज्ञान शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि वह 10 से 17 वर्ष के समस्त बालक बालिकाओं का पंजीकरण कराएं तथा अपने मार्गदर्शन में प्रोजेक्ट निर्माण का कार्य संपन्न कराएं।
तत्पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस- पश्चिमी उत्तर प्रदेश की नोडल एजेंसी इस्कास के प्रतिनिधि एवं विज्ञान संचारक डॉ. विकास मिश्रा ने प्रोजेक्ट निर्माण के संबंध में शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डाला तथा बताया कि एक अच्छा प्रोजेक्ट वह है जो स्थानीय समस्याओं के निराकरण में सक्षम हो तथा उसमें मौलिकता हो। उन्होंने इंटरनेट आदि से कट-कॉपी-पेस्ट आदि न करने की सलाह दी तथा कहा कि हमें अपने परिवेश की समस्याओं का अवलोकन करते हुए रिसर्च प्रोजेक्ट का एक संक्षिप्त शीर्षक चयनित करना चाहिए। उन्होंने प्रोजेक्ट निर्माण के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अच्छे प्रोजेक्ट निर्माण के साथ ही इसका प्रस्तुतिकरण भी अच्छा होना चाहिए तथा प्रत्येक आंकड़े के सापेक्ष पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध होने चाहिए।
विगत कई वर्षों से राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस से जुड़े राहुल माथुर का विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रस्तुतीकरण हुआ। उन्होंने प्रोजेक्ट निर्माण के विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की तथा प्रोजेक्ट निर्माण की सावधानियां एवं विद्यालय स्तर पर होने वाली संभावित समस्याओं के समाधान सुझाए। उन्होंने कहा कि शिक्षक मेंटर के रूप में कार्य करें न कि स्वयं प्रोजेक्ट निर्माण करें। उन्होंने मुख्य विषय के अंतर्गत पांच उप विषयों से संबंधित संभावित शोध शीर्षकों की चर्चा की।
प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक के रूप में राजकीय इंटर कॉलेज आगेहरा उन्नाव के प्रधानाचार्य कमलेश कुमार एवं राजकीय इंटर कॉलेज इनायतपुर बर्रा के प्रधानाचार्य परमात्मा शरण की गरिमामयी उपस्थिति रही। उन्होंने उन्नाव जनपद में समस्त विद्यालयों द्वारा सक्रिय सहभागिता की अपील की तथा प्रोजेक्ट निर्माण की बारीकियां को बताया। इसके साथ ही सेंज्यूट्स कॉलेज के अरविंद कुमार, जिला विज्ञान क्लब के संयोजक सतेन्द्र सिंह, जिला समन्वयक अवध किशोर, राजकीय बालिका हाई स्कूल एरा भदियार के सहायक अध्यापक महेंद्र कुमार तिवारी ने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षक-शिक्षिकाओं का मार्गदर्शन किया।
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्वयक अवध किशोर ने बताया है कि उन्नाव जनपद में 30 अक्टूबर को प्रोजेक्ट मूल्यांकन का जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमें संपूर्ण जनपद के विद्यालयों से चयनित विद्यार्थी अपने विज्ञान शिक्षक के साथ प्रतिभाग करेंगे। जिला स्तर से उत्कृष्ट चार शोध प्रोजेक्ट्स को राज्य स्तरीय आयोजन हेतु चयनित किया जाएगा।