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लोक अदालत का शुभारम्भ न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इलाहाबाद सौरभ श्याम शमशेरी ने किया

शनिवार को दीवानी न्यायालय परिसर(माती) कानपुर देहात में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में लोक अदालत का शुभारम्भ माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति, कानपुर देहात सौरभ श्याम शमशेरी (न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इलाहाबाद) द्वारा माँ सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया गया।

Story Highlights
  • समस्त तहसीलों से कुल 10709 वाद लगाये गये जिसमें से 9167 वादों का निस्तारण किया गया।
  • कुल 23647 वाद निस्तारित किये गये तथा रुपये 8,41,41,838/- की धनराशि अर्थदण्ड के रूप में वसूल की गयी व क्षतिपूर्ति दिलायी गयी।

कानपुर देहात,अमन यात्रा। शनिवार को दीवानी न्यायालय परिसर(माती) कानपुर देहात में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में लोक अदालत का शुभारम्भ माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति, कानपुर देहात सौरभ श्याम शमशेरी (न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इलाहाबाद) द्वारा माँ सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर माननीय जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अनिल कुमार झा द्वारा माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति का बुके भेंट एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।

देवराज प्रसाद सिंह, माननीय पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण, कानपुर देहात व राजेश कुमार-I, माननीय प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायाालय कानपुर देहात एवं श्री सुनील कुमार यादव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -प्रथम कानपुर देहात द्वारा भी माननीय न्यायमूर्ति का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती डॉ० शालिनी सिंह, अपर पारिवारिक न्यायाधीश, कानपुर देहात एवं श्री मौहम्मद तौसीफ रजा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर देहात द्वारा किया गया। माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति, श्री सौरभ श्याम शमशेरी, माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा लोक अदालत से सम्बन्धित वादों के निस्तारण हेतु सरल एवं सुलभ उपाय बताये गये।

माननीय न्यायमूर्ति द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि त्वरित, सस्ता व सुलभ न्याय प्रत्येक भारतीय नागरिक का नैतिक अधिकार है। यह जनपद न्यायालय कानपुर देहात के लिए एक अच्छा अवसर है कि  लम्बित वादों का अधिक से अधिक निस्तारण कर इस महापर्व में अपना योगदान दें।इस अवसर पर माननीय जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री अनिल कुमार झा द्वारा लोक अदालत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि लोक अदालत न्यायिक प्रक्रिया का एक ऐसा उत्सव है जिसमें समाज के हर वर्ग की बढ़-चढ़कर सहभागिता होती है। जिसके परिणामस्वरूप अनावश्यक रुप से कई वर्षों से लम्बित लघु प्रकृति के वाद अन्तिम रूप से निस्तारित हो जाते हैं। मौहम्मद तौसीफ रजा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर देहात द्वारा वर्ष 2021-22 में प्राधिकरण द्वारा आयोजित लोक अदालतों में निस्तारित हुए वादों का विवरण पेश किया।

आज की राष्ट्रीय लोक अदालत में कानपुर देहात के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत आने वाले समस्त तहसीलों द्वारा अपनी-अपनी तहसीलों एवं जिलाधिकारी कार्यालय में लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें राजस्व एवं अन्य प्रकृति के वादों के निस्तारण हेतु लगाया गया, इस प्रकार समस्त तहसीलों से कुल 10709 वाद लगाये गये जिसमें से 9167 वादों का निस्तारण किया गया। अनिल कुमार झा माननीय जनपद न्यायाधीश, कानपुर देहात द्वारा 30 वाद लगाये गये तथा 01 वादों का निस्तारण किया गया। जिसमें कुल रुपया 18,118/- की वसूली की गयी। श्री राजेश कुमार-I, माननीय प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायाालय कानपुर देहात द्वारा 37 तथा डॉ शालिनी सिंह, अपर प्रधान पारिवारिक न्यायालय कानपुर देहात द्वारा 19 वाद लगाये गये जिसमें से कुल 13 वादों का निस्तारण किया गया।

श्री देवराज प्रसाद सिंह, माननीय पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, कानपुर देहात द्वारा मोटर दुर्घटना के150 वाद लगाये गये तथा 18 वादों का निस्तारण किया गया। जिसमें कुल रुपया 1,04,25,000/- की क्षतिपूर्ति प्रदान की गयी। श्री महेन्द्र कुमार आर्य, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत, कानपुर देहात द्वारा 53 वाद लगाये गये तथा 22 वादों का निस्तारण किया गया। जिसमें कुल रुपया 17,000/- की वसूली की गयी। श्री सुधाकर राय, (नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत) अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -तृतीय द्वारा 24 वाद लगाये गये तथा 01 वाद का निस्तारण किया गया। श्री बाकर शमीम रिजवी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -चतुर्थ द्वारा 173 वाद लगाये गये तथा 150 वादों का निस्तारण किया गया।

श्री शिवा नन्द, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 16288वाद लगाये गये तथा 712 वादों का निस्तारण किया गया एवं रुपये 58,120/- की वसूली की गयी। श्रीमती अलुंकृता शक्ति त्रिपाठी, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-II द्वारा 68 वाद निस्तारित किये गये। श्री प्रणव त्रिपाठी, बाह्य न्यायालय, घाटमपुर, कानपुर देहात द्वारा 220 वाद निस्तारित किये गये एवं रुपये 2,300/- की वसूली की गयी। बैंक रिकवरी के 10116 वाद लगाये गये जिसमें से 713 वादों का निस्तारण करते हुए कुल रुपया 6,60,31,633 बैंक रिकवरी की गयी। इस प्रकार आज की राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, पारिवारिक विवादों से सम्बन्धित घरेलू हिंसा, व्यावहारिक वाद, उत्तराधिकार वाद, राजस्व वाद तथा लघु फौजदारी तथा अन्य लंबित वादों का निस्तारण करते हुए कुल 23647 वाद निस्तारित किये गये तथा रुपये 8,41,41,838/- की धनराशि अर्थदण्ड के रूप में वसूल की गयी व क्षतिपूर्ति दिलायी गयी। माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति, श्री सौरभ श्याम शमशेरी, माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री अनिल कुमार झा के कुशल निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया।

 

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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