विजय पाने के बाद भी कुर्सी नहीं पाएंगे 298 नये प्रधान, जानिए- पूरा मामला
अधिकृत रूप से भले ही नव निर्वाचित प्रधानों के शपथ कार्यक्रम की कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन मौखिक निर्देशों के क्रम में पंचायत राज विभाग ने शपथ की तैयारी शुरू कर दी है।
फतेहपुर,अमन यात्रा। अधिकृत रूप से भले ही नव निर्वाचित प्रधानों के शपथ कार्यक्रम की कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन मौखिक निर्देशों के क्रम में पंचायत राज विभाग ने शपथ की तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव प्रक्रिया से जिन ग्राम पंचायतों को संगठित (प्रधान पद और सदस्य ग्राम सभा के दो तिहाई पद भरे जा चुके हैं) किया जा चुका है, वहां के प्रधान शपथ में शामिल होंगे लेकिन जो पंचायतें चुनाव प्रक्रिया के बाद भी असंगठित (सदस्य ग्राम सभा के पदों में निर्वाचित सदस्यों का कोरम अधूरा) हैं वहां के प्रधान शपथ में शामिल नहीं होंगे। अब तक 298 ग्राम सभाओं का चिह्नांकन हुआ है जो असंगठित श्रेणी में हैं।
…तो ये है वजह: किसी भी ग्राम सभा में न्यूनतम दस और अधिकतम 15 पद सदस्य ग्राम सभा के होते हैं। निर्वाचन प्रक्रिया के तहत दो तिहाई सदस्यों के पद भरे जाने अनिवार्य हैं। अगर किसी ग्राम सभा में केवल प्रधान पद पर उम्मीदवार जीत जाता है और सदस्य के पद एक तिहाई से अधिक रिक्त रहते हैं तो पंचायत राज नियमों के तहत उसे असंगठित पंचायत के दर्जा प्राप्त हो जाता है। ऐसे ग्राम पंचायत में जीतने के बाद भी प्रधान को कुर्सी हासिल नहीं होती है। क्योंकि उस ग्राम सभा का कोरम ही अधूरा रहता है। ऐसी दशा में प्रधान या उस पंचायत के विजेता सदस्यों की शपथ तब तक नहीं होगी जबतक ग्राम सभा के रिक्त पदों को भरके कोरम पूरा नहीं हो जाता है। पिछले दो दिनों से पंचायत राज विभाग गांव-गांव से सूचनाएं एकत्रित करके ऐसी ग्राम सभाओं की सूची तैयार कर रहा है।
शपथ तक प्रशासक ही रहेंगे कर्ताधर्ता: प्रधानों की शपथ होने तक प्रशासक ही पंचायत के कर्ताधर्ता रहेंगे। नये प्रधान जीतने के बाद भी सिर्फ बाहर से सहयोग मात्र करेंगे। उनके पास वित्तीय अधिकार नहीं रहेंगे। जिन प्रधानों को अभी शपथ में शामिल नहीं किया जाएगा वहां तब तक प्रशासक काम करेंगे जब तक दोबारा चुनाव के जरिए रिक्तपदों पर चुनाव प्रक्रिया पूरी कर शपथ न करा दी जाए।
इनका ये है कहना
शपथ कब और कितने लोगों की होगी इसका कोई निर्देश नहीं आया है। हमने अग्रिम तैयारी कर उन ग्राम पंचायतों का चिन्हांकन किया है, जिनमें ग्राम सभा का कोरम अधूरा है। इनकी सूचना हम निदेशालय को भेजेंगे। जिसके बाद निदेशालय रिक्त सीटों पर चुनाव की सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को देगा। जहां कोरम अधूरा हैं वहां रिक्त सीट भरने के बाद ही शपथ होगी यह पंचायती राज नियमों में शामिल है। – अजय आनंद सरोज जिला पंचायत राज अधिकारी