उत्तरप्रदेशफ्रेश न्यूजलखनऊ

विद्यालयो में बच्चो के शारीरिक और मानसिक शोषण या यौन उत्पीड़न के रोकथाम हेतु गाइड लाइन्स के संबंध में निर्देश हुए जारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों की शिक्षा के साथ ही उनकी सुरक्षा को लेकर भी संवेदनशील दिखाई है। शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए तय गाइडलाइंस जारी की है।

Story Highlights
  • स्कूलों में बच्चों के शोषण पर सरकार हुई सख्त, गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने के जारी किए निर्देश

लखनऊ/ कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों की शिक्षा के साथ ही उनकी सुरक्षा को लेकर भी संवेदनशील दिखाई है। शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए तय गाइडलाइंस जारी की है।

शोषण के मामलों में प्रधानाचार्यों, प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों समेत अन्य जिम्मेदारों का उत्तरदायित्व तय किया गया है। प्रदेश के सभी जिलों के स्कूलों में तय गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार छात्रों की शिक्षा के साथ ही उनकी सुरक्षा को लेकर भी संवेदनशील है। इसी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए तय गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद ही शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के खिलाफ होने वाली घटनाओं के संबंध में 2015 में एक विस्तृत गाइडलाइंस तैयार की थी। अब सरकार ने इसे फिर से जारी करते हुए इसका कड़ाई से पालन करने को कहा है।

सभी बीएसए को जारी किए गए निर्देश-
बेसिक शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गाइडलाइंस का पालन किया जाए। साथ ही सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, स्टाफ, वार्डेन एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी इन गाइडलाइंस का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। यह गाइडलाइंस 23 फरवरी 2015 को जारी की गई थीं। इसका उद्देश्य प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा संरक्षित करने तथा बाल अपराध एवं असंवैधानिक कृत्यों की रोकथाम और स्कूल जाने वाले बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न से रक्षा करना है। साथ ही इसमें शैक्षणिक संस्थानों का उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया गया है।

स्कूल कैंपस समेत सभी जगह सुरक्षित माहौल के लिए दिए गए सुझाव-
गाइडलाइंस में कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय प्रबंधतंत्र/स्कूल मैनेजमेंट कमेटी एवं प्रधानाचार्यो का यह दायित्व है कि विद्यालय परिसर में या विद्यालय आते-जाते अथवा विद्यालय से बाहर फील्ड विजिट में इस प्रकार का वातावरण तैयार करें जो बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करें और छात्र/छात्राओं का किसी प्रकार का शारीरिक/मानसिक एवं यौन शोषण न हो। इसमें विद्यालय प्रांगण को सुरक्षित बनाने के लिए भी कई तरह के उपाय बताए गए हैं।

इसमें स्कूल बसों में जीपीआरएस सिस्टम के साथ ही ड्राइवर व हेल्पर के वेरिफिकेशन की अनिवार्यता रखी गई है। साथ ही बस के अंदर चाइल्ड हेल्पलाइन और वूमेन हेल्पलाइन नंबर तथा पुलिस स्टेशन का नंबर लिखा होना चाहिए। प्रत्येक बस में दो टीचर की इस प्रकार व्यवस्था होनी चाहिए जो बच्चों के साथ स्कूल में बस से आवागमन करेंगे। इसके अलावा शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का व्यवहार संतुलित हो, इस संबंध में भी व्याख्या की गई है। बच्चों में परस्पर समन्वय एवं जागरूकता के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश हैं जबकि विभिन्न संस्थाओं की मदद लेने और अन्य उपायों की जानकारी दी गई है।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Related Articles

AD
Back to top button