विपक्ष की बनाई किसी भी पिच पर खेलने से सरकार को बचना चाहिए !
विपक्ष की भटकाने वाली रणनीति और सरकार की चुनौतियाँ

भारत में सरकार विरोधी संयुक्त विपक्ष (इंडी गठबंधन) लगातार NDA सरकार की बड़ी बड़ी उपलब्धियों से देश की जनता को असल मुद्दों से भटका कर दूर ले जाने का प्रयास करता है,विपक्ष भारत में किसी भी विकास परक मुद्दे की बात कभी भी नहीं करता,विपक्ष सदैव मनगढ़ंत कहानी गढ़कर सरकार को घेरता है कभी चौकीदार चोर है,कभी चुनाव आयोग चोर है,कभी ट्रम्प को आगे कर नरेंदर सरेंडर जैसे अनावश्यक मुद्दे उछाल कर वर्तमान सरकार के आर्थिक एवं सामरिक क्षेत्र की उपलब्धियों तथा विकास परक बड़ी बड़ी योजनाओं से जनता का ध्यान भटकाने का असफल प्रयास करता हैं,लेकिन ऐसा कब तक होता रहेगा ? क्योंकि जब सरकार का पूरा का पूरा ध्यान विपक्ष के अनावश्यक सवालों के जबाव देने में ही केन्द्रित हो जाता है और सरकार अपने मूल मुद्दों को जनता तक पहुंचाने में पिछड़ जाती है,और विपक्ष अपने उद्देश्यों में सफल हो जाता है !
ऐसा ही एक बड़ा ज्वलन्त उदाहरण वर्तमान में व्यापार कर सुधारों को लेकर देखा जा सकता है,सरकार ने आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए व्यापार कर प्राविधान में बड़े सुधार किए हैं लेकिन जीएसटी में जन लाभकारी मुद्दों पर जमीनी स्तर पर कहीं कोई प्रचार प्रसार नहीं हो पा रहा है,सरकार का पूरा ध्यान विपक्षी बयानबाजी मतदाता पुनरीक्षण SIR पर केन्द्रित हो गया है,इसी बीच में विपक्ष की मतदाता बचाओ यात्रा तथा वोट चोरी जैसे मुद्दों पर भी सरकार बचाव करने में जुटी रही है और अब तो राहुल गांधी के साथ सम्पूर्ण इंडी गठबंधन खुले आम नेपाल जैसे किसी GEN – Z आन्दोलन को आमंत्रित करते हुए देखे जा रहे हैं,और सरकार का पूरा तंत्र उन्हें जबाव देने में व्यस्त है, तथा सरकार की जीएसटी सुधार जैसी कई अन्य और योजनाओं का प्रचार प्रसार या तो कागजों में सिमट गया है या फिर पार्टी संगठन की कार्यशालाओं में !
भारतीय कर प्रणाली में मूल्य संवर्धन कर प्रणाली वैट के बाद जब जीएसटी कर प्रणाली लागू हुई थी उस समय देश के उपभोक्ताओं को को अलग अलग तरीके से लगने वाले कई अन्य तरह के करों से राहत मिली थी,जिससे कुछ वस्तुओं को छोड़कर देश में लगभग सभी वस्तुओं के मूल्यों में एकरूपता आ गई थी,तब जीएसटी में 5%, 12%, 18% और 28% की चार श्रेणियां थी,पैट्रोलियम और मदिरा जैसी वस्तुओं को छोड़कर शेष सभी को उक्त चार श्रेणियों में बांट कर व्यापार कर प्रणाली लागू की गई थी,उस समय भी विपक्ष ने जीएसटी लागू करने पर सरकार पर निशाना साधा था,और जीएसटी को “गब्बर सिंह टैक्स,, नाम दिया था ! बाद में जीएसटी परिषद ने बीच बीच में कई सुधार भी किए,लेकिन वर्तमान में 03 सितम्बर 2025 को अपनी 56 वीं बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए जीएसटी की चार श्रेणियों को सिर्फ दो श्रेणियों में वर्गीकृत कर दिया जिसमें अब सिर्फ 5% और 18% की दरें ही शेष रह गईं हैं,पुरानी 12% और 18% की दो श्रेणियां पूर्ण रूप से समाप्त हो गई हैं,जिससे अब कर प्रणाली में काफी सुधार होगा,वहीं दूसरी ओर अब देश में लग्जरी गाड़ियों एवं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुओं जैसे सिगरेट,पान मसाला,कोल्ड ड्रिंक्स,कैफीन युक्त पेय पदार्थ,350 सीसी से ज्यादा के दुपहिया वाहन, हेलीकॉप्टर,आदि पर 40% का विशेष श्रेणी का स्लैब लागू किया गया है।
जीएसटी परिषद ने इस बार के नए संसोधनों में आम जन की रोजमर्रा में प्रयुक्त वस्तुओं और किसी भी सेवा संबंधी कार्यों को शून्य टैक्स रेट 0% GST घोषित कर दिया है जिसमें जीवन व स्वास्थ्य बीमा पर राहत के साथ सभी व्यक्तिगत लाइफ हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा,वहीं दूध,छेना,पनीर,घी से चुपड़ी रोटी, सभी भारतीय ब्रेड, मैप्स, चार्ट्स, ग्लोब, पेंसिल इंरेज़र , शार्पनर,एक्सरसाइज बुक्स एवं धार्मिक पूजन की सामिग्री आदि को शून्य टैक्स के दायरे में लाया गया है,जिससे अब आगे आम उपभोक्ता को इन बदलाव का लाभ मिलेगा और वो कुछ बचत भी कर सकेंगे,वहीं 5% जीएसटी रेट पर अब पाश्चुराइज्ड दूध,इंस्टैंट नूडल्स, पास्ता,चॉकलेट, घी,बटर, प्रिजर्व्ड मीट, बच्चों के स्कूल बैग,शेविंग क्रीम,टूथ पेस्ट, टूथ ब्रश,फेस पाउडर,हेयर आयल,सेविंग थ्रेड,थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर,बर्तन आदि जैसी आम चीजें सम्मिलित की गई हैं जिन पर पूर्व में 12% टेक्स देय होता था,18% जीएसटी रेट अब उन वस्तुओं पर लागू होगा जो पहले 28% अथवा 18% की श्रेणी में आते थे,उन पर अब एकरूपता करते हुए 18% रेट कर दिया गया है,जिसमें 32 इंच से बड़े टीवी,एयर कंडीशनर,डिशवाशिंग मशीन, छोटी कारें काफी हद तक की मोटरसाइकिलें आदि ।
नई कर प्रणाली में कई दवाओं पर टैक्स कम किया गया है जिससे आवश्यक दवाइयों के दाम कम होंगे और इलाज सस्ता होगा,सीमेंट पर टैक्स अब 28% की श्रेणी से घटाकर 18% कर दिया गया है जिससे घर बनाना व खरीदना सस्ता हो जायेगा,कृषि यंत्रों पर अब 12% की जगह 5% टैक्स देय होगा जिससे ट्रैक्टर,थ्रेशिंग,मृदा तैयारी एवं कम्पोस्ट मशीनें और अन्य कृषि मशीनरी अब सस्ती हो जायेगी जिसका सीधा लाभ किसान बंधुओं को प्राप्त होगा,छोटे व्यापारियों को भी कंपोजिशन स्कीम के तहत अनुपालन सुविधा दी गई है और साथ ही ई-कॉमर्स रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आसान होगी।
जीएसटी के इन नये बदलावों की सबसे प्रमुख बात यह है कि सरकार ने आम जनता से लेकर विद्यार्थी किसान,उपभोक्ता,व्यापारी,निर्माता आदि सभी का ध्यान रखते हुए यह कदम उठाये हैं,जिससे की नई कर दरों में कमी का लाभ ऊपर से नीचे तक सभी को प्राप्त हो तथा वस्तुएं सस्ती हो जायें,इन नये बदलावों के लागू होने से भारतीय टैक्स प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे,आम लोगों को जहां चीजें सस्ती मिलेंगी,वहीं व्यापारियों और किसानों के लिए लाभदायक और कारोबारियों के लिए अनुकूल एवं पारदर्शी व्यापार का वातावरण पुनः निर्मित होगा। जीएसटी परिषद का यह विवेकपूर्ण निर्णय देश के उपभोक्ता को राहत,व्यापार को सुगमता प्रदान करेगा, और राजकोषीय जिम्मेदारी में जीएसटी को उसके मूल उद्देश्य “एक राष्ट्र, एक कर,, के और निकट ले जायेगा, जिससे भारत आगामी वर्षों में समावेशी वृद्धि की ठोस आधारशिला खड़ा होकर आत्म निर्भर भारत की आधार शिला तैयार कर सकेगा।
भारत सरकार को चाहिए कि वो अपने उद्देश्यों को सफल बनाने के लिए विपक्षी पार्टियों के द्वारा स्व-रचित मनगढ़ंत कुत्सित हथकंडों से सजग रह कर अपनी जन उपयोगी योजनाओं जीएसटी जैसी सुधार कर प्रणालियों का लाभ जन जन तक पहुंचाने की ओर ध्यान केन्द्रित करके पार्टी संगठन के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें जमीनी स्तर पर ले जाने हेतु प्रेरित करे ! संयुक्त विपक्ष (इंडी गठबंधन) बार बार चुनावी हार की हताशा और सरकार की उपलब्धियों से बेहद आहत और बेचैन होकर किसी भी तरह की असंसदीय हरकत को अंजाम देकर देश में अराजक वातावरण उत्पन्न कर सकता है, राहुल गांधी का ZEN- Z का आवाहन इसका प्रतीक है !इसके लिए भी वर्तमान सरकार को इनकी हरकतों पर पैनी नजर रखते हुए संविधान सम्मत कार्यवाही करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए ।
ये भी पढ़े- लोगों की सफलता का राज़ खोलेंगे संपादक नवनीत शुक्ल
एक विचार प्रवाह
विद्यासागर त्रिपाठी
मूसानगर कानपुर देहात उप्र.
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.