साहित्य जगत

संघ के अखण्ड भारत सपने की परिणति

अमन यात्रा

हिन्दुओं की आस्था व विश्वास से जुड़ी हिन्दू देवी देवताओं की पूजा पद्धति शोभायात्राओं पर जब देश के अलग अलग कई प्रदेशों में सुनियोजित पथराव करके हिन्दू आस्था पर प्रहार हुआ तो”संघ परिवार,, के अलावा अन्य किसी सामाजिक संगठन व राजनीतिक पार्टी ने अभी तक ऐसे कृत्यों की निंदा नहीं की, और न ही भाजपा के अलावा किसी राजनैतिक दलों ने हिन्दूओं के धार्मिक जुलूशों पर हुये अत्याचारों पर किसी तरह की सहानुभूति दिखाई न किसी तरह का साथ दिया, और ना ही भाजपा के अलावा अन्य किसी पार्टी ने अब तक हिन्दू आस्था पर हुए अत्याचार पर कुछ भी कहना उचित समझा !
      आतंकवादियों की फांसी पर, गौवंश के हत्यारे पर, चोरी के गुनहगार पर सहानुभूति में बड़े बड़े आंसू बहानें वाले सोनिया राहुल प्रियंका केजरीवाल ममता अखिलेश माया आदि ने इतने बड़े पैमाने पर हिन्दू आस्था पर हुये प्रहार पर कोई दुख नहीं जताया ! कोई सहानुभूति भी नहीं दर्शायी ! इन हिन्दुओं की आस्थाओं व धार्मिक भावनाओं पर हुये घोर कुठाराघात पर सबके सब खामोश हैं आखिर क्यों ? ऐसा प्रतीत होता हैै कि भारत में अब धर्मनिर्पेक्षिता की आड़ में तुष्टीकारण की राजनीति नासूर बनती जा रही हैै,जो हिन्दुओं के धार्मिक रीति रिवाजों पर दंगा कराकर उन्हें उनके धार्मिक रीति रिवाजों से बंचित कराने का कुचक्र रच रहे हैं, जिसमें संघ परिवार के अलावा तुष्टीकरण के पक्षधर सभी संयुक्त विपक्षी पार्टियों की मूक सहमति बनती दिखाई देती हैै,विगत वर्ष सी.ए.ए. के बिरूद्ध शाहीनबाग दिल्ली में चले धरने में जिस तरह राजनीतिक विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिला था उससे विभाजनकारी शक्तियों को बढ़ावा मिला था उनके हौसले बुलन्द हुये थे तब से लेकर अब तक ये विभाजनकारी शक्तियां किसी न किसी रूप में देश के सामने आते ही रहते हैं।
           हिन्दुओं की शोभा यात्राओं धार्मिक कार्यक्रमों में पत्थर तलवार गोली पट्रोल बम से हमला करने वालों पर खामोश रहने वाला कांग्रेस का गाँधी परिवार,आम आदमी पार्टी के अरबिन्द केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की मायावती, त्रृणमूल कांग्रेस पार्टी की ममता बनर्जी, एमआईएमआईएम के असुवैद्दीन ओवैशी, शिव सेना के उद्धव ठाकरे जैसे लोग तब जरूर बोलते चिल्लाते दिखाई देते हैं, जब मध्यप्रदेश में पत्थर तलवार बम से जुलूश पर हमला करने तथा लूट आगजनी करने वालों के अवैध निर्मित घरों पर सरकारी बुल्डोजर चलता है,तब आश्चर्य जनक रूप से वो दंगाई, पत्थरबाज, बमबाज, तलवारबाज उपरोक्त नेताओं की सहानुभूति के पात्र बन जाते हैं, इनकी नजर में वो दीन हींन गरीब हो जाते हैं तथा सरकारिया कार्यवाही उन दंगाई मुस्लिम मुल्जिमानों पर उन्हें उत्पीड़न की कार्यवाही दिखाई देने लगती है, यह हैै भारत के वर्तमान विपक्ष की विचित्र विडंबना जिन्हें हिन्दूओं की आस्था पर हुये कुठाराघात से कोई सरोकार नहीं है, लेकिन जैसे ही म.प्र.में बुल्डोजर मामा द्वारा वहां बुल्डोजर चलाया गया वैसे ही सभी कौवे की तरह काँव काँव करके चिल्लाते देखे जाने लगे, उनकी नजर में उन गरीब दंगाइयों पर अन्याय हो रहा हैै, उन दंगाइयों पर कार्यवाही करके सरकार कानून के साथ खिलवाड़ कर रही है, उन दंगाइयों के गरीब माँ बाप पर सरकार अत्याचार कर रही हैै ! ऐसे आरोप वो चीख चीख कर लगाते हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर जब दिल्ली की जहांगीरपुरी में माँ बाप बेटा बेटी बहू सब एकराय होकर श्री हनुमान जन्मोत्सव शोभा यात्रा जुलूश व पुलिश पर मिलकर पत्थर तलवार गोली चलाते हैं तब सारा विपक्ष आश्चर्य जनक रूप से खामोश रहता है ! लेकिन हिन्दुओं पर भी बराबर की कार्यवाही करने के लिए आतुर दिखाई देता हैै ! हिन्दुओं की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही इसे लेकर अवश्य चिल्लाते घूम रहे हैं ! यह है देश के विपक्ष का असली चेहरा।
        वर्तमान भारत का आंतरिक परिदृश्य बेहद चिंता जनक है, भारत में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जिनका शरीर भारत में रहता हैै, जो रहते खाते तो भारत का हैं,लेकिन उनका मन पाकिस्तान में ही रमता हैै, वो भारत में ही पाकिस्तान के सपने संजोये हैं देश के कुछेक चुनिंदा शिक्षण संस्थाओं पर होने वाले उपद्रव इसके उदाहरण हैं, आज भारत में रा.स्व.संघ परिवार तथा उसके अनुसांगिक संगठनों भाजपा आदि के अलावा हिन्दू हितों के संरक्षण की बात करने वाला अन्य कोई संगठन नहीं है, यह बात निर्विवाद रूप से स्पष्ट दिखाई देने लगी है,इन परिस्थितियों के बाद भी यदि कोई हिन्दू सो रहा हैै तो यह भी किसी बिडंबना से कमतर नहीं है, हिन्दू हितों के लिए समाज को ऐसे सोये अपने बंधुओं को उचित मार्गदर्शन के द्वारा जाग्रत कराना भी उनका नैतिक धर्म और कर्तव्य ही होगा, भारत सरकार सहित देश के विभिन्न प्रदेशों की सरकारों का नैतिक दायित्व हैै कि वो कानून के दायरे में ऐसे पत्थरबाज दंगाइयों पर कठोर कार्यवाही करें, इसमें किसी तरह की राजनीति का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये, सिर्फ संवैधानिक कानून का अनुपालन करते हुये कठोर कार्यवाही करनी चाहिये जिससे देश में किसी अन्य जगह दुबारा ऐसी किसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
        एक विचार मात्र
                                                                                                                 विद्यासागर त्रिपाठी
                                                                                                                   कानपुर देहात उप्र.
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Recent Posts

कानपुर देहात में दो बाइकों की आमने सामने भिड़ंत में एक की मौत,दूसरा गंभीर

पुखरायां।कानपुर देहात के रूरा कस्बे में बीती बुधवार रात दो बाइकों की आमने सामने भिड़ंत…

18 hours ago

गिरधरपुर में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन,102 मरीजों का किया गया सफल उपचार

पुखरायां।आयुष विभाग एवं क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ,कानपुर डॉ मनोज वर्मा के कुशल मार्गदर्शन…

18 hours ago

उपनिदेशक पंचायती राज विभाग रीना चौधरी ने रनिया में विकास कार्यों का किया निरीक्षण,दिए निर्देश

पुखरायां।गुरुवार को उपनिदेशक पंचायती राज विभाग ने विकासखंड अमरौधा के ग्राम पंचायत रनियां में विकास…

18 hours ago

भीतरगांव में खाद की किल्लत से किसान परेशान, सहकारी समिति में मची भगदड़

कानपुर : विकासखंड स्तरीय सहकारी समिति में खाद की किल्लत ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा…

22 hours ago

कानपुर देहात में धान खरीद केंद्रों का हालचाल लेने पहुंचे जिलाधिकारी

कानपुर देहात: जिलाधिकारी आलोक सिंह ने आज जिला खाद्य विपणन अधिकारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह और…

22 hours ago

कृषि विभाग का हाल बेहाल, डीएम के निरीक्षण में खुले राज

कानपुर देहात: जिलाधिकारी आलोक सिंह ने आज जिला कृषि रक्षा अधिकारी बारा और मृदा परीक्षण…

23 hours ago

This website uses cookies.