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सरकार ने कहा नहीं लागू होगी पुरानी पेंशन, अटेवा ने किया आर-पार जंग का ऐलान 

पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर पूरे देश में कर्मचारी संगठन केंद्र सरकार और राज्य सरकारो से भी मांग कर रहे हैं कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी जाए जिसको लेकर कई राज्यों में कर्मचारी संगठनों द्वारा बड़े आंदोलन भी किए जा रहे हैं।

अमन यात्रा, कानपुर देहात।  पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर पूरे देश में कर्मचारी संगठन केंद्र सरकार और राज्य सरकारो से भी मांग कर रहे हैं कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी जाए जिसको लेकर कई राज्यों में कर्मचारी संगठनों द्वारा बड़े आंदोलन भी किए जा रहे हैं। कई राज्यों में सरकारों का तख्तापलट भी पुरानी पेंशन बहाल न किए जाने पर हुआ है। प्रदेश के लाखों कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की सौगात मिलने का इंतजार कर रहे है लेकिन फिलहाल सरकार जिस दिशा में कम कर रही है वह बिलकुल भी सही नही है। योगी सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल करने से इनकार कर दिया है। सरकार पुरानी पेंशन बहाल करेगी कि नहीं। इसको लेकर प्रदेश सरकार का कहना है कि नई पेंशन में कर्मचारियों को ज्यादा फायदा है। दरअसल कल समाजवादी पार्टी के कई सदस्यों ने विधानसभा में पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर सवाल उठाया था तो सरकार ने साफ इनकार कर दिया।

इस संदर्भ में अटेवा पेंशन बचाओ मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु ने कहा की सरकार जो कह रही है वो हमारी समझ के परे है। सरकार कितना भी न करें पर ओपीएस के लिए हमारी लड़ाई आखिरी दम तक जारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि यूपी में 1 अप्रैल 2005 के पहले चयनित एवं विज्ञापित पदों पर सभी विभागों में कार्यरत शिक्षक/कर्मचारी बहुत बड़ी संख्या में हैं लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार केंद्र के आदेशों का अनुपालन नहीं कर रही है। भाजपा शासित उत्तराखंड, हरियाणा सरकार अपने यहां इस सन्दर्भ मे पूर्व के चयनित एवं विज्ञापित पद पर केंद्र के आदेशों के अनुरूप अपने शिक्षकों/कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।
अटेवा पेंशन बचाओ मंच कानपुर देहात के जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव ने कहा कि नेताओं की दोहरी मानसिकता हमारे वोट से अपनी तो पुरानी पेंशन पक्की किए हुए हैं और हमें एनपीएस के लाभ बता रहे हैं यदि यह इतनी अच्छी पेंशन है तो एनपीएस अपने आप क्यों नहीं अपनाते। एक नेता जब चुनाव लड़ता हैं और यदि वह अपनी कुल आमदनी 50 लाख दिखाता हैं तो एमपी/एमएलए बनने पर 5 साल में 100 करोड़ के मालिक कैसे बन जाते हैं। इसका कोई हिसाब नहीं देते और न ही कोई टैक्स देते हैं और अपने आप 4-4/5-5 पुरानी पेंशन लेते हैं तब देश कंगाल नही हो रहा है। सरकारी कर्मचारी को एक पेंशन देने में देश कंगाल होने की बात करते हैं। वैसे हमारा देश दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है अजीब तमाशा है ये पता नही कि झूठ कौन बोल रहा है माननीय या प्रवक्ता, जबकि सरकारी कर्मचारी का एक-एक पैसे का हिसाब सरकार लेती है इनकी समझ में वोट की चोट ही आती है। इस बार वोट अपनी पेंशन के लिए ही सरकारी कर्मचारी करेंगे। किसी भी सरकारी कार्यालय में एनपीएस कर्मचारियों का पैसा कहां जमा होता है कोई लेखा-जोखा नहीं रहता है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से कहा कि केवल मोबाइल ऐप पर ही अकाउंट देखते रहें जब भी पैसा निकालने जाओगे सरकार के पैसे में से एक पैसा नहीं निकाल सकते और अपने द्वारा जमा किए गए पैसे का केवल 25 फीसदी निकाल सकते हो अनेकों ऐसे उदाहरण हैं। एनपीएस के तहत जो कर्मचारी रिटायर हुए हैं उनको 2200/3000 रूपये पेंशन मिल रही है धिक्कार है ऐसे नेताओं पर। इसलिए अटेवा द्वारा चलाए जा रहे प्रोग्राम में दिनांक 13 अगस्त 2023 को सांसदों के आवास पर घंटी बजाओ प्रोग्राम में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों एवं 1 अक्टूबर को अधिक से अधिक संख्या में दिल्ली पहुंचकर पेंशन महाशंखनाथ रैली में प्रतिभाग करें ताकि सोई हुई, गूंगी, अंधी बहरी सरकार पुरानी पेंशन बहाली के लिए जाग सके।

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Pranshu Gupta
Author: Pranshu Gupta

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