कानपुर, अमन यात्रा। बिठूर की ऐतिहासिक धरती पर कभी ट्रेन की आवाज दूर से ही सुनाई देती थी। बिठूर में रहने वाले लोग ट्रेन की छुक छुक सुनकर ही स्टेशन पर पहुंच जाते थे, हालांकि पिछले 16 साल से यहां ट्रेन की छुक छुक बंद हैं। अब एक बार फिर यहां के रहने वालों को ट्रेन शुरू होने की उम्मीद जगी है। इलेक्ट्रिक लाइन का सीआरएस सर्वे होने के बाद यहां फिर से ट्रेन चलेगी हालांकि डेढ़ दशक के लंबे इंतजार के बाद बिठूर वासियों को इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन में सफर करने का अवसर मिलेगा।
बिठूर में ट्रैक बिछाने का काम वर्ष 2015 में शुरू हुआ था जिसे अगले तीन साल में पूरा कर लिया गया था। बड़ी लाइन डालने के बाद रेलवे ने इस रूट का सीआरएस सर्वे भी पूरा कर लिया। इसके बाद इलेक्ट्रिक लाइन डालने की शुरूआत हुई जिसका काम भी बीते वर्ष पूर्ण कर लिया गया था। अब यहां इसी इलेक्ट्रिक लाइन का सीआरएस सर्वे होना है। सीआरएस सर्वे होने के बाद इस रूट पर ट्रेन चलाने का रास्ता साफ हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे ने फर्रुखाबाद अनवरगंज के लिए एक अनारक्षित ट्रेन की शुरूआत कर दी है। श्री ब्रह्मावर्त विकास एवं जनकल्याण समिति के अध्यक्ष सूबेदार पांडेय बताते हैं कि समिति के प्रयास से ही यहां अमान परिवर्तन किया गया था। उन्होंने रेलवे बोर्ड और रेलमंत्री तक पत्र भेजकर क्षेत्रीय जनता की समस्याओं से अवगत कराया है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मार्च में इलेक्ट्रिक लाइन का सीआरएस सर्वे हो जाएगा जिसके बाद जल्द ही ट्रेन भी शुरू करा दी जाएगी।