अध्यापकों से बूथ लेबल अधिकारी (बीएलओ) पद का कार्य लेने पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिषदीय स्कूलों के सहायक अध्यापकों को बूथ लेबल अधिकारी के रूप में तैनात करने पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।

- अध्यापकों की बीएलओ ड्यूटी लगाए जाने पर याचिका, निर्णय तक रोक लगाते हुए सरकार से मांगा गया जवाब
- राज्य सरकार से तीन सप्ताह में मांगा जवाब
लखनऊ/ कानपुर देहात। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिषदीय स्कूलों के सहायक अध्यापकों को बूथ लेबल अधिकारी के रूप में तैनात करने पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने अंकित शर्मा व 13 अन्य अध्यापकों की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 की धारा 27 के अनुसार अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता है। कुछ अपवाद हैं जैसे जनगणना, आपदा राहत, स्थानीय निकाय, विधान सभा, लोक सभा चुनाव की ड्यूटी में लगाया जा सकता है। याची का कहना है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य चुनाव कार्य में शामिल नहीं है। मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए बूथ लेबल अधिकारी के रूप में तैनात करना अवैध है साथ ही सुनीता शर्मा केस के फैसले का खुला उल्लंघन है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और सरकार से जवाब तलब किया है। याचिका की सुनवाई पांच हफ्ते बाद होगी।
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