स्वार्थ और लालच की राजनीति में कहां खड़े हैं हम देश और प्रदेश के निवासी
अमन यात्रा
स्वतंत्र भारत में कुछ वर्षों पूर्व तक हम सब जब किसी रेल यात्रा पर निकलते थे तो स्टेशनों पर इंतजार करते थे,निजामुद्दीन एक्सप्रेश ट्रेन का,गरीब नवाज ट्रेन का,आला हजरत एक्सप्रेश ट्रेन का,सिकन्द्राबाद एक्सप्रेश ट्रेन का, हजरत गंज एक्सप्रेश ट्रेन आदि आदि का स्टेशनों के नाम भी हम सब भलीभांति जानते रहे हैं, जिन्हें काफी हद तक विगत वर्षों में भारतीय सांस्कृतिक पुरातन नामों में बदला भी गया हैै, ट्रेनें भी अब बंदे भारत ट्रेन, रामायण सर्कल ट्रेन, महाकाल एक्सप्रेश ट्रेन आदि नामों से चलने लगी हैं, जिन पर यात्रा व इंतजार अब जनता करने भी लगी हैै।
एक और महत्वपूर्ण परिवर्तन उप्र.सहित सम्पूर्ण भारत में हुआ है वो यह हैै कि भारतीय संस्कृति के आराध्य देवी और देवताओं के प्रति बढ़ती आस्था, जो लोग पहले भगवान श्रीराम,भगवान श्रीकृष्ण, भगवान शिव और भगवान परशुराम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाते थे, वही लोग अब श्रीराम,श्रीकृष्ण,शिव और परशुराम जी के मन्दिर बनवाने के दावे करते हुये मन्दिर मन्दिर परिक्रमा करने पर मजबूर हो गये हैं, मॉं दुर्गा, माँ सरस्वती, की पूजा करने पर भी वो सब अब बाध्य हुये हैं।
एक और महत्वपूर्ण बिन्दु यह हैै कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार चल रहे उप्र.सहित पाँच प्रदेशों के चुनांवो में भ्रष्टाचार कहीं भी चुनांवी मुद्दा नहीं हैै,जैसा पहले होता था कि कोई गमले में गोभी पैदा करके करोंडों कमाने का दावा करता था, कोई एक गाय का लक्ष्य देकर दूद बेचकर करोड़ों कमा लेता था, कोई जमीन खरीद बेचकर करोड़ो कमा लेता था, कोई खनन करके करोड़ों कमा लेता था, लेकिन वर्तमान केन्द्र व उत्तर प्रदेश सरकार पर ऐसा कोई भ्रष्टाचार करने का मुद्दा अब तक सामने नहीं आ सका है, न ही चुनांव में विपक्ष ऐसा कोई आरोप लगा पा रहा है, आय से अधिक सम्पत्ति का कोई मामला भी उप्र सरकार तथा केन्द्र सरकार के किसी जिम्मेदार मंत्री पर नहीं लगाया जा सका हैै, जो भारत के लिए एक बडी संतोष जनक उपलब्धि हैै, क्योंकि पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकालों में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा होता रहा हैै, जो अब वर्तमान भाजपा सरकारों में कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है।
वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प करके शिक्षण कार्य हेतु स्वच्छ वातावरण का निर्माण किया हैै, वहीं माध्यमिक और उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार किये हैं, साथ ही मेडिकल कालेजों एवं एम्सों का रिकार्ड निर्माण किया है, देश व उप्र.में शिक्षित बेरोजगारों के लिए सरकारी संस्थाओं और निजी संस्थागत संस्थानों में रिकार्ड रोजगार तथा स्वरोजगार के अवसर प्रदान किये हैं, स्वास्थ्य सेवाओं में प्रगति करके सबको स्वास्थ्य की सुविधा प्रदान करके गरीबों को पाँच लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया हैै, किसान को फसल बीमा, दुर्घटना बीमा, किसान सम्माननिधि देकर राहत प्रदान की हैै, बिजली के लिए तरसते उप्र.के गांवों को बिजली देकर तथा किसान को दिन के उजाले में फसल की सिंचाई करने का अवसर उपलब्ध कराया है, जिससे गाँव का किसान ठिठुरती ठंढ़ से बचकर दिन के उजाले में सिंचाई कर सका हैै, उप्र. सरकार ने गेहूँ, धान, मक्का और गन्ना एमएसपी पर खरीद करके रिकार्ड कायम किया हैै।
राष्ट्र व्यापी कायोँ में वर्तमान भारत सरकार ने विगत सात आठ वर्षों के अपने कार्यकाल में देश को सामरिक और आर्थिक क्षेत्र में विश्व समुदाय के बीच एक बड़ी शक्ति के रूप में खड़ा किया हैै, सर्वत्र भारत की गरिमा बढ़ी है, भारत अब दुश्मन देशों की आंख में आँख डालकर उन्हीं की भाषा में उन्हें जबाब दे सकने में सक्षम हो गया हैै, जो उभरते नये भारत की पहंचान बन गया हैै, बड़ी बड़ी अन्तर्राष्ट्रीय महाशक्तियां भारत को बराबरी का दर्जा प्रदान करने लगी हैं, भारत वर्तमान में दीन हीन की स्थिति से बाहर निकलकर सशक्त नये भारत का निर्माण कर चुुका हैै, भारत की आन्तरिक सुरक्षा सुदृढ़ हो चुकी हैै, कानून व्यवस्था में अमूलचूल परिवर्तन होनें से दंगों तथा आतंकवादी घटनाओं पर नियंत्रण किया जा चुका हैै, कानून व्यवस्था में सुधार के कारण गुंडागर्दी आराजकता माफिया से निजात मिल चुकी हैै, देश के अधिसंख्य क्षेत्रों व उप्र.में शान्ति का वातावरण निर्मित हो चुका हैै, प्रदेश में शहरों कस्बों गाँवों से होता हिन्दू पलायन अब रूक चुका है, देश और उप्र. विकास पथ पर आगे बढ़ चुका हैै।
सम्पूर्ण भारत सहित उप्र में यह सब जनोपयोगी कार्य प्रधानमंत्री मोदी जी, ग्रहमंत्री अमित शाह जी, एवं उप्र.में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी एवं उनके सहयोगियों के कुशल प्रबंधन के कारण हो सका हैै, जो अपनी सम्पत्ति बढ़ाने के लिए राजनीति नहीं कर रहे ! अपने घर परिवार तथा संबन्धियों की सम्पत्ति बढ़ाने के लिए राजनीति नहीं कर रहे हैं ! बल्कि देश का सर्वांगींड़ विकास तथा सांस्कृतिक भारत के पुनर्निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिसका प्रारम्भिक संकल्प कभी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डा. हेडगेवार जी ने किया था ! जिसे स्वतंत्रता के बाद प्रथम ग्रहमंत्री सरदार पटेल जी ने करना चाहा था ! जो तत्तक़ालीन राजनीतिक तुष्टीकरण की नीति के कारण सम्भव नहीं हो सका था, और अब उसी उधूरे पड़े कार्य को पूरा करने का संकल्प मोदी, अमित शाह व उप्र के मुख्यमंत्री योगी तथा उनके सहयोगियों ने मिलकर पूरा करने का संकल्प लिया हैं, लेकिन मोदी योगी और अमित शाह जी की इस राष्ट्रवादी जंग में सम्पूर्ण देश सहित उप्र.के प्रत्येक नागरिक का विशेषकर सम्पूर्ण हिन्दू जनमानस का अटूट सहयोग उन्हें इस संघर्ष में चाहिये होगा, तभी वो भारत के नव निर्माण का सपना पूरा कर सकेंगे।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में इतने दृढ़ निश्चई कार्यों का निष्पादन कभी नहीं हुआ जम्मू & कश्मीर से धारा 370, 35A, का समापन, N.R.C. व C.A.A. का कानून बनाना, प्रभु श्रीराम के मन्दिर का नव निर्माण, पाकिस्तान पर सर्जिकल एवं एयर स्ट्राइक करना, चाइना के साथ डोकलाम जैसी कठोर सामरिक मुठभेड़ करना, पाकिस्तान से कैप्टन अभिनन्दन की आश्चर्च जनक त्वरित भारत को घर वापसी करना, माफियाओं दंगाइयों पर उप्र में चलता बेधड़क बुलडोजर जैसे कुछेक उदाहरण हैं, राष्ट्रवादी संकल्पों को पूर्ण करनें के, लेकिन ऐसी परिस्थिति में सम्पूर्ण देश तथा उप्र.वासियों को बेहद गम्भीरता से विचार करना होगा कि कहीं हम सब किसी निजी लोभ, लालच, भाई भतीजावाद, जातिवाद, भाषा और क्षेत्रवाद की खाई में किसी षड़यंत्रकारी भ्रम व अफवाह के वशीभूत भ्रमजाल में फंसकर मोदी जी अमित शाह जी तथा योगी जी के कार्यों में बाधक बनकर तो नहीं खड़े हैं ? जिससे भविष्य के प्राचीन सांस्कृतिक भारत निर्माण में स्वयं बाधक बनकर अपनी आने वाली पीढ़ियों के उज्जवल भविष्य के साथ खिलवाड़ तो नहीं कर रहे हैं ? कर्नाटक प्रदेश के शिवमोगा में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की नृशंस हत्या ताजा उदाहरण हैै जिससे भविष्य के भारत की तस्वीर स्पष्ट होती है, ऐसी कट्टर पंथी विचारधारा के विरूद्ध सम्पूर्ण विपक्ष मौन हैं, हर्षा के हिन्दू होने के कारण सभी खामोश हैं !
वहीं दूसरी ओर अंडरवल्ड डॉन दाउद इब्राहींम से महाराष्ट्र के मंत्री नबाब मलिक के सम्बंधों की पुष्टि के बाद प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उसकी गिरफ्तारी करने पर महाराष्ट्र सरकार सहित भारत का सम्पूर्ण विपक्ष उसके बचाव में लामवद्ध होकर उसे बचाने में जुट गया है, पूर्व में केन्द्रीय ग्रह राज्यमंत्री मा.अजय मिश्रा टेनी से इस्तीफा मांगने वाले आज मंत्री नबाब मलिक के इस्तीफा न देने की बात कर रहे हैं ! ऐसी स्थितिओं की पुष्टता के बाद हम सब गम्भीरता से विचार करें, तब निर्णय करें,और राष्ट्रवादी बनकर राष्ट्र रक्षा में सहयोगी बनें।