पिण्डारथू गांव में श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन
संदलपुर ब्लाक क्षेत्र के पिण्डारथू गांव में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है जिसका शुभारंभ हरिराम शर्मा के द्वारा 22 मार्च को किया गया था कथा का समापन 28 मार्च को होना है आज कथा का छठवां दिन था जिसमें गोवर्धन पूजा की कथा का श्रोताओं ने सुनकर आनंद लिया
राहुल कुमार/झींझक : संदलपुर ब्लाक क्षेत्र के पिण्डारथू गांव में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है जिसका शुभारंभ हरिराम शर्मा के द्वारा 22 मार्च को किया गया था कथा का समापन 28 मार्च को होना है आज कथा का छठवां दिन था जिसमें गोवर्धन पूजा की कथा का श्रोताओं ने सुनकर आनंद लिया.
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उसी प्रकार पवित्र होती है जैसे नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है।
देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकार गौ माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। इनका बछड़ा खेतों में अनाज उगाता है। इस तरह गौ सम्पूर्ण मानव जाती के लिए पूजनीय और आदरणीय है। गौ के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है कथा पंडित संगम शास्त्री मां सरस्वती व्यास जी के द्वारा सुनाई जा रही है जिसमें श्रोताओं में सुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी।