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गर्मी में सेहत के लिए एसी में रहना बेहतर या कूलर में जाने सलाह डॉ ओमवीर सिंह
गर्मियां चल रही है। इस भयंकर गर्मी से बचने के लिए हम कूलर या फिर एसी का सहारा लेना शुरू कर देते हैं , एसी जो हमारे शरीर को एक सुखद अहसास देता है। वहीं कूलर की ठंडी-ठंडी हवाएं हमें शकून देती है। हम अच्छी नींद के लिए ठंडी हवा में सोते हैं , ताकि नींद सुकून भरी और गहरी आये।
औरैया,अमन यात्रा । गर्मियां चल रही है। इस भयंकर गर्मी से बचने के लिए हम कूलर या फिर एसी का सहारा लेना शुरू कर देते हैं , एसी जो हमारे शरीर को एक सुखद अहसास देता है। वहीं कूलर की ठंडी-ठंडी हवाएं हमें शकून देती है। हम अच्छी नींद के लिए ठंडी हवा में सोते हैं , ताकि नींद सुकून भरी और गहरी आये। पर यहां सवाल यह उठता है कि हमारी सेहत के लिए बेहतर क्या है ? एसी या कूलर। इस गर्मी को भगाने के लिए कूलर ज्यदा अच्छा विकल्प है या एसी इस पर होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉक्टर ओमवीर सिंह ने संवाददाता को वार्ता के दौरान निम्न जानकारियां दी हैं।
होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉक्टर ओमवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि एसी कूलर से कई मायने में बेहतर है , वशर्ते आप उसकी अच्छी तरह से देखभाल करते हो। कूलर में बेशक आप कितने भी समय तक रह सकते हैं। लेकिन कूलर के पानी में डेंगू , मलेरिया और चिकनगुनिया के मच्छर पनप जाते हैं , तो वह आपके लिए हानिकारक हो सकता है। वही एसी में मच्छर होने की संभावना बिल्कुल नहीं होती है। हालांकि एसी में भी लगातार रहना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है , अगर आप लगातार एसी में रहते हैं , तो आप एसी के आदी हो जाते हैं। जब आप एसी से बाहर निकलते हैं तो आपकी बॉडी से जो पसीना निकलना चाहिए वह एक साथ बिना एसी के ज्यदा निकलता है। जिससे आप गर्मी में चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं। सांस से सर्वाधिक समस्याओं का खतरा जैसे अस्थमा। लंबे समय तक रहने से जोड़ों की दिक्कत जैसे गठिया। 20 से 22 डिग्री पर चलाते हैं तो उमस से बचा जा सकता है, लेकिन जायदा एसी में रहने से बॉडी ड्राई हो जाती है। ऐसे में हमें ज्यदा से ज्यदा पानी पीना चाहिए।
श्री सिंह ने आगे त्वचा की एलर्जी के विषय में बताया कि एसी चलाने का सबसे ज्यादा अच्छा तरीका 26 प्लस डिग्री या उससे अधिक के लिए तापमान सेट करें। वैसे 26 प्लस डिग्री पर पंखे को धीमी गति से चलाना हमेशा ही बेहतर होता है। 28 प्लस डिग्री बेहतर है। इससे बिजली कम खर्च होगी और आपके शरीर का तापमान भी सीमा में रहेगा , और आपकी सेहत पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा। इसका एक और फायदा यह है , कि एसी कम बिजली की खपत करेगा।अंततः ग्लोबिल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने में मदद करेगी। किस तरह आप मान लीजिए कि एसी 26 प्लस डिग्री पर चला कर प्रति रात लगभग 5 यूनिट बिजली की बचत करते हैं और अन्य 10 लाख घर भी इसको पसंद करते हैं , तो हम प्रतिदिन 5 लाख मिलीयन यूनिट बिजली बचाते हैं। क्षेत्रीय स्तर पर यह बचत प्रतिदिन करोड़ों यूनिट हो सकती है।