परिषदीय स्कूलों में आए दिन छुट्टियां रद्द होने से शिक्षक नाराज, सीएम योगी से इस रवैए पर रोक लगाने की मांग
परिषदीय विद्यालयों में भारतीय संस्कृति के प्रमुख पर्वों के अवकाश खत्म कर विद्यालय खोले जाने की समस्या को लेकर प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

अमन यात्रा, कानपुर देहात। परिषदीय विद्यालयों में भारतीय संस्कृति के प्रमुख पर्वों के अवकाश खत्म कर विद्यालय खोले जाने की समस्या को लेकर प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में एसोसिएशन ने छुट्टियां रद्द करने व अवकाश में भी विद्यालय खोलने को लेकर नाराजगी जाहिर कर मुख्यमंत्री से इस पर रोक लगाने की मांग की है।
एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि सार्वजनिक अवकाश के दिनों में शिक्षक पारिवारिक, सामाजिक एवं धार्मिक काम करता है। शिक्षकों की भी अपने माता-पिता, बच्चे और परिवार के प्रति कुछ जिम्मेदारियां होती हैं जिन्हें वह अवकाश के दिनों में निपटाता है। ऐसे में सार्वजनिक अवकाश पर विद्यालय खोला जाना गलत है। उन्होंने अपने पत्र में मांग की है कि शिक्षकों को इस वर्ष सार्वजनिक छुट्टी के दिन 5 जून, 21 जून, 29 जुलाई, 13 अगस्त और 1 अक्टूबर को विद्यालय बुलाया गया है। इनके बदले में 5 अर्जित अवकाश मानव सम्पदा पोर्टल पर दिए जाएं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, होली, भैयादूज, जमात उल विदा रमजान, नाग पंचमी, अनंत चतुर्दशी, पितृ विसर्जन अमावस्या, दोनों नवरात्रि प्रथम दिन अवकाश होता था।
इन बड़े पर्वों के अवकाश को किसी दुर्भावना से ग्रसित होकर समाप्त कर दिया गया है। समाप्त करने वाले अधिकारियों की पृष्ठभूमि की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, अम्बेडकर जयंती, गांधी जयंती, वल्लभ भाई पटेल जयंती पर विद्यालय खोले जाते हैं किंतु ये अवकाश तालिका में दर्ज हैं इन्हें अवकाश तालिका से हटाया जाना चाहिए। सार्वजनिक अवकाश को रद्द करके शिक्षक समाज का शोषण करने वाले, सरकार की नकारात्मक क्षवि का निर्माण करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
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