शिक्षकों को आवास भत्ता देने से जुड़ा कंफ्यूजन दूर, नगरीय क्षेत्र से 8 किमी के रेडियस वाले शिक्षकों को मिलेगा नगरी भत्ता
बेसिक शिक्षा विभाग में आवास भत्ता के नाम पर भी वर्षों से खेल जारी है। जनपद के ग्रामीण इलाकों के परिषदीय विद्यालयों में तैनात सैकड़ों शिक्षक नगरीय आवास भत्ता का लाभ उठा रहे हैं।

- वित्त एवं लेखाधिकारी एक्शन मोड में, उपजिलाधिकारी अकबरपुर से नगरी आवास भत्ता हेतु पात्र विद्यालयों की मांगी सूची
- ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में तैनात शिक्षकों को दशकों से दिया जा रहा है नगरीय आवास भत्ता
कानपुर देहात- बेसिक शिक्षा विभाग में आवास भत्ता के नाम पर भी वर्षों से खेल जारी है। जनपद के ग्रामीण इलाकों के परिषदीय विद्यालयों में तैनात सैकड़ों शिक्षक नगरीय आवास भत्ता का लाभ उठा रहे हैं। वह भी एक-दो साल नहीं बल्कि दशकों से। आवास भत्ता के मद में हर महीने लाखों रुपये का सरकार को चूना लग रहा है इसकी जानकारी जब नवागंतुक वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी को हुई तो उन्होंने संबंधित शिक्षकों को चिह्नित करने का निर्णय लिया और उन्होंने उपजिलाधिकारी अकबरपुर को पत्र लिखकर 8 किलोमीटर के रेडियस वाले विद्यालयों की सूची मांगी है जिससे बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को दिए जाने वाले नगरी आवास भत्ता की विसंगतियों का निस्तारण किया जा सके।
वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी ने बताया कि नगरी आवास भत्ता से संबंधित कई शिक्षकों के शिकायती पत्र हमें प्राप्त हुए हैं। कई शिक्षकों का कहना है कि हमारा विद्यालय नगरी क्षेत्र में आ रहा है जबकि हमको यह भत्ता नहीं मिल रहा है तो कुछ का यह भी कहना है कि कुछ ऐसे विद्यालय भी हैं जो नगरी क्षेत्र में नहीं आते किंतु उनको नगरी आवास भत्ता प्रदान किया जा रहा है इसलिए नगरी क्षेत्रों के विद्यालयों को चिह्नित करने का निर्णय लिया गया है।
बता दें भत्ते की यह राशि शिक्षकों के ग्रेड पे पर निर्भर है। किसी शिक्षक का ग्रेड पे 1800 रूपये है तो नगरीय आवासीय भत्ता 2200 रुपये मिलेगा। वहीं ग्रामीण इलाके के विद्यालयों में तैनात शिक्षक को 730 रुपये भत्ता मिलेगा। इस प्रकार नगरीय व ग्रामीण भत्ते में 1400 से लेकर 5040 रुपये तक का अंतर है।
आवास भत्ते का यह खेल कानपुर देहात समेत सूबे के अन्य जनपदों में भी चल रहा है। इस पर शासन की निगाहें पड़ गईं हैं। ऐसे में इसकी जांच सभी जनपदों में जल्द शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।