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मंत्री राकेश सचान ने मृतक के परिवारीजनों को दी नकद सहायता राशि

रदेश सरकार के एमएसएमई कैबिनेट मंत्री राकेश सचान आज पुखरायां में पटेल नगर मोहाल में विशाल कहार के घर सहानुभूति व्यक्त करने पहुंचे और यहां उन्होने दो दिन पूर्व रंगदारी मांगने के दौरान हुये झगड़े में अकाल मौत का शिकार हुये विशाल की पती, बच्चों व माताजी से उन पर बीती हुयी सुनी और मौके पर ही कैबिनेट मंत्री इतना भावविह्वल हो गये कि अपनी जेब से निकालकर मृतक की पत्नी मोनिका को बीस हजार रूपये की नकद सहायता अपने पास से दी, साथ ही जनता जनार्दन के बीच घोषणा की कि जब तक अपराधियों को सजा नहीं मिलती, वे चैन से बैठने वाले नहीं हैं।

Story Highlights
  • पुलिस पर लगे थे गंभीर आरोप, अभी भी करवाई अधूरी
  • मंत्री ने पूरे मामले की जांच कराने और पुखरायां चौकी इंचार्ज देवनारायण द्विवेदी के तबादले का भी भरोसा दिया।

विमल गुप्ता, मलासा। प्रदेश सरकार के एमएसएमई कैबिनेट मंत्री राकेश सचान आज पुखरायां में पटेल नगर मोहाल में विशाल कहार के घर सहानुभूति व्यक्त करने पहुंचे और यहां उन्होने दो दिन पूर्व रंगदारी मांगने के दौरान हुये झगड़े में अकाल मौत का शिकार हुये विशाल की पती, बच्चों व माताजी से उन पर बीती हुयी सुनी और मौके पर ही कैबिनेट मंत्री इतना भावविह्वल हो गये कि अपनी जेब से निकालकर मृतक की पत्नी मोनिका को बीस हजार रूपये की नकद सहायता अपने पास से दी, साथ ही जनता जनार्दन के बीच घोषणा की कि जब तक अपराधियों को सजा नहीं मिलती, वे चैन से बैठने वाले नहीं हैं। कोई अपराधी कितना भी बड़ा हो, वह कानून के शिकंजे से बचना नहीं चाहिये और इस बावत परिवार वालों की मांग के अनुसार अगर उन्हें जांच भी स्थानांतरित करवानी पड़ी तो वे तैयार हैं। कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने यहां मृतक की पत्ती के लिये नगर

 

पालिका में संविदा पर नौकरी प्रशासन स्तर पर दी जाने वाली चार लाख रूपये की सहायता, मृतक की बेटी के लिये पच्चीस सौ रूपये माह की सहायता उसके बालिग होने तक व पत्नी के लिये विधवा व मां के लिये वृद्धावस्था पेंशन के साथ-साथ मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी मृतक की पत्नी व परिवार के लोगों की सहायता करवाने का आश्वासन दिया। मौके पर मौजूद जनसेवक गोविंद मिश्रा, भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष व भाजपा नेता अंबरीश अग्निहोत्री, विमल सचान लालू, पालिकाध्यक्ष सत्यप्रकाश संखवार, प्रहलाद सचान, लल्लू सचान ने बार-बार इस बात को कहा कि मामले में पुखरायां चौकी इंचार्ज देवनारायण द्विवेदी की भूमिका अच्छी नहीं रही। कोतवाली से एक अपराधी को बचाने के लिये चिट्ठी मजरुबी नहीं दी गयी और इसके चलते अस्पताल में न तो चिकित्सकों ने घायल विशाल कहार का इलाज किया और न ही उसकी मरहम पट्टी हो

 

पायी। कोतवाली से अस्पताल, अस्पताल से घर और फिर हालत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाने से मृतक की हालत चिंताजनक हो गयी तब जाकर पुलिस ने चिट्ठी मजरुबी दी और तब जाकर घायल को कानपुर के लिये रिफर किया गया जहां उसकी समय से उपचार न मिल पाने के चलते मौत हो गयी। मंत्री ने पूरे मामले की जांच कराने और पुखरायां चौकी इंचार्ज देवनारायण द्विवेदी के तबादले का भी भरोसा दिया।

 

मृतक के यहां मंत्री आधा घंटा से भी ज्यादा रहे और उन्होने परिवारीजनों के साथ आत्मीय भाव दिखाया। सभी आश्वासन देकर मंत्री जब जाने लगे। तब मृतक के परिवारीजनों ने कहा कि उनके पास खाने-पीने तक को कुछ नहीं है, जो भी घर का जेवर था वह मृतक के उपचार में खर्च हो गया। परिवार की हालत देख मंत्री ने बीस हजार रूपये की नकद सहायता मृतक की पत्नी को प्रदान की और कहा कि उनके लोग पूरा ख्याल रखेंगे।

भोगनीपुर में रंगदारी न देने पर युवक की हुई थी हत्या-

भोगनीपुर के पटेल नगर में व्यवसायी से वसूली गैंग रंगदारी मांगने पहुंचा गया। जहां विरोध जताने पर दबंगों ने व्यवसाई पर जानलेवा हमला कर दिया। हमले में घायल युवक को लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दैरान युवक की मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए लोगों ने चौकी का घेराव किया।

दरअसल भोगनीपुर कोतवाली अंतर्गत पुखरायां कस्बे के पटेल नगर निवासी गल्ला व्यापारी ललित गुप्ता ने बताया कि 17 दिसम्बर को छोटे पुरवा निवासी दबंग बृजपाल यादव रंगदारी मांगने आया। मना करने पर धमकी देते हुए वापस चला गया। दूसरे दिन वह साथी गौरव पंडित (बजरंग दल गौरक्षा प्रमुख), पीके चौधरी, मुलायम यादव, बलजीत सहित 4 से 5 अज्ञात अन्य लोग आए और दुकान के अंदर घुसकर गुल्लक उठाकर जाने लगे। इसका विरोध किया तो वह मारपीट पर आमादा हो गए और ईंट पत्थर चलाने लगे। जिसके चलते पड़ोसी विशाल के सिर में ईंट लगने से गम्भीर रूप से घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए कानपुर हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी मौत हो गई।

पीड़ित की लिखित तहरीर के बाद भी पुलिस ने नही की कोई कार्रवाई

पीड़ित व्यापारी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि लिखित तहरीर दी फिर भी मुकदमा नहीं लिखा गया। कोतवाल ने यह कहकर टरका दिया कि गौरव पंडित घटना वाले दिन था ही नहीं। इस पर पीड़ित ने सीसीटीवी फुटेज दिखाएं फिर भी कोतवाल ने भगा दिया। तब जाकर 1076 के माध्यम से मुकदमा लिखा है। वहीं मौत की सूचना मिलते ही उत्तेजित लोगों ने पुखरायां चौकी को घेर लिया। तब जाकर उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप बाद मामला शांत हुआ और कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की गई।

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Author: aman yatra


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