ग्रामीणों की समस्याओं का तत्काल संज्ञान लेते हुए सीडीओ सौम्या ने कार्यदायी संस्था को चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण तलब किये जाने के दिए निर्देश
मुख्य विकास अधिकारी सौम्य पाण्डेय ने विकास खण्ड मलासा की ग्रामीण पेयजल योजना का निरीक्षण किया गया। उन्हें अवगत कराया गया कि इस ग्रामीण पेयजल योजना की अनुमानित लागत रू. 296.64 लाख है तथा अब तक धनराशि रू. 42.26 लाख व्यय की जा चुकी है।
- मुख्य विकास अधिकारी ने विकास खंड मलासा ग्रामीण पेयजल योजना का किया निरीक्षण ,दिए निर्देश
- कार्यदायी संस्था द्वारा मनमाने ढंग से कार्य किये जाने पर मुख्य विकास अधिकारी ने अंतिम कठोर चेतावनी देते हुए, ब्लैकलिस्ट किये जाने हेतु किया सचेत
ब्रजेंद्र तिवारी, पुखरायां। मुख्य विकास अधिकारी सौम्य पाण्डेय ने विकास खण्ड मलासा की ग्रामीण पेयजल योजना का निरीक्षण किया गया। उन्हें अवगत कराया गया कि इस ग्रामीण पेयजल योजना की अनुमानित लागत रू. 296.64 लाख है तथा अब तक धनराशि रू. 42.26 लाख व्यय की जा चुकी है।
उन्होंने निरीक्षण में देखा कि कार्यदायी संस्था- मैं0 इण्डियन ह्यूम पाइप कम्पनी लि0 द्वारा लगभग 9 माह का समय व्यतीत होने के उपरान्त भी वर्तमान तक एक भी हाउस कनेक्शन से पेयजल की आपूर्ति नहीं की गयी है, उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि कार्यदायी संस्था द्वारा अपने मनमाने ढंग कार्य किया जा रहा है, उन्होंने जल निगम के जे०ई० सुनील कुमार को निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्था को अंतिम कठोर चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण तलब किया जाए एवं चेतावनी दी जाए कि यदि कार्यदायी संस्था द्वारा बरसात से पूर्व कार्य समाप्त नहीं किया जाता है तो कार्यदायी संस्था को ब्लैकलिस्ट करते हुए व्यय की गयी धनराशि की वसूली कार्यदायी संस्था से कराई जाए।
उन्होंने कहा कि जल निगम के निरीक्षण के समय इलेक्ट्रिकल एंड मेकेनिकल एवं ऑपरेशनल एंड मेंटिनेंस के अधिकारी मौके पर उपस्थित नहीं रहते है अत: अधिशाषी अधिकारी जल निगम इनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए इन्हें हटाये जाने की कार्यवाही शीघ्र करें। वहीँ मौके पर उपस्थित ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि कार्यदायी संस्था द्वारा मार्गों में पाईप लाइन बिछाये जाने पश्चात मार्ग में लगे ईटों को पुन: लगाकर मार्ग को सही ढंग से दुरुस्त नहीं किया जाता है, उन्होंने जल निगम के जे०ई० सुनील कुमार को निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्था को इस सम्बन्ध में चेतावनी दी जाए एवं इस बात की पुष्टि करते हुए इनके खिलाफ कार्यवाही अमल में लायी जाए।
निरीक्षण के समय मौके पर परियोजना निदेशक दिनेश यादव, खंड विकास अधिकारी शिव गोविन्द पटेल एवं जल निगम से संबधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।