गरीब बच्चे अपने पसंदीदा स्कूल में ले सकेंगे एडमिशन, व्यवधान उत्पन्न करने वालों पर लिया जाएगा एक्शन
वर्तमान में सभी के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है क्योंकि शिक्षित होकर ही लोग स्वयं से आत्मनिर्भर और मजबूत बन सकेंगे और इसके साथ-साथ उन्हें आसानी से रोजगार भी प्राप्त हो सकेंगे।
- निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों में किया गया कार्यों एवं दायित्वों का निर्धारण
कानपुर देहात,अमन यात्रा : वर्तमान में सभी के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है क्योंकि शिक्षित होकर ही लोग स्वयं से आत्मनिर्भर और मजबूत बन सकेंगे और इसके साथ-साथ उन्हें आसानी से रोजगार भी प्राप्त हो सकेंगे। शिक्षा को सभी वर्ग के नागरिकों के बच्चों के लिए एक सामान बनाने के लिए शिक्षा का अधिकार यानि राइट टू एजुकेशन को शुरू किया गया जिससे राज्य में सभी वर्ग के बच्चों को शिक्षा मिल सके। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के लिए आरटीई एक्ट के तहत सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन की सुविधा प्रदान की है।
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राइट टु एजुकेशन एक्ट के तहत दुर्बल आय वर्ग के लोग भी अपने आसपास के निजी स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन मुफ्त में करा सकते हैं और आरटीई एक्ट सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने का अधिकार देता है। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (ग) के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों एवं जिला समन्वयको को कार्य एवं दायित्वों को सौपा गया है।