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डेंगू चिकनगुनिया के बढ़ते प्रकोप के बचाव हेतु बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिए गए निर्देश
डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते प्रकोप के कारण परिषदीय स्कूलों में बच्चे पूरी बांह की शर्ट व फुल पैंट पहनकर आएंगे। स्कूल परिसर में एंटीलार्वा और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव अनिवार्य रूप से किया जाए।
- बेसिक शिक्षा विभाग को जागरूकता फैलाने हेतु आदेश जारी
अमन यात्रा , कानपुर देहात : डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते प्रकोप के कारण परिषदीय स्कूलों में बच्चे पूरी बांह की शर्ट व फुल पैंट पहनकर आएंगे। स्कूल परिसर में एंटीलार्वा और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव अनिवार्य रूप से किया जाए। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शनिवार को सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। आदेश के मुताबिक कोई भी बच्चा आधी आस्तीन की शर्ट पैंट पहनकर स्कूल न आएं इसके लिए कदम उठाएं। पूरी बांह की कमीज और फुल पैंट पहनकर ही बच्चों को स्कूल आना होगा। प्रार्थना सभा में संचारी रोगों और उससे होने वाली समस्याओं के संबंध में अनिवार्य रूप से बच्चों को बताया जाए ताकि वे अपने परिवार में भी जागरूकता फैला सकें। सभी स्कूल गांव में जन जागरूकता रैलियां भी निकालें।
विद्यालय परिसर में रखी हुई पानी की टंकियों की नियमित सफाई की जाए। विद्यालय परिसर एवं पास पड़ोस में कहीं भी जलभराव न होने दिया जाए। विद्यालय परिसर में स्थित हैंडपंप एवं मल्टीपल हैंडवॉश के पास नियमित रूप से सफाई की जाए एवं एंटीलार्वा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी किया जाए। एसएमसी की बैठक आयोजित करते हुए उन्हें डेंगू व चिकनगुनिया जैसे संचारी रोगों एवं उनके दुष्प्रभावों के बारे में भी बताया जाए एवं अभिभावकों को घर एवं आसपास की साफ सफाई हेतु प्रेरित भी किया जाए। उक्त सभी कार्यों में ग्राम प्रधान का भी सहयोग लिया जा सकता है। किसी भी बच्चे को बुखार आने पर उसका तत्काल उपचार कराया जाए इस हेतु तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। डेंगू चिकनगुनिया के प्रभावी नियंत्रण हेतु समस्त शिक्षकों को कठोरता से पालन करना होगा।
फार्मासिस्ट राजेश बाबू कटियार ने बताया कि चिकनगुनिया और डेंगू में बहुत ही मामूली फर्क होता है। यह रोग एक ही मच्छर के काटने से होता है। चिकनगुनिया में बुखार के साथ शरीर के जोड़ों में बहुत तेज दर्द होता है। इसे सह पाना मरीज के बस के बाहर होता है, इसमें प्लटलेट्स 80 हजार से कम नहीं होता जबकि डेंगू में तेज बुखार के साथ सिर दर्द और प्लेटलेट्स 20 हजार से भी कम हो जाता है। चिकनगुनिया के रोगी को ठीक होने में 15 दिन से एक महीने तक का समय लग सकता है।
चिकनगुनिया के लक्षण
तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में असहनीय दर्द, प्लेटलेट्स 80 हजार तक, आंखों के पीछे तेज दर्द होना
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर दर्ज, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना, आंखों में दर्द, गंभीर अवस्था में नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना
डेंगू-चिकनगुनिया से बचाव
1-पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों आदि को ढक कर रखें।
2- सर्दी का मौसम है इसलिए कूलर को खाली करके सुखा दें और अच्छे से ढक कर रख दें।
3- यह मच्छर दिन के समय काटता है। पूरे कपड़े पहने।
4- उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है।
5- बुखार उतारने के लिए पैरासिटामोल ले सकते हैं।
6- जिफी ओ एंटीबायोटिक भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
7- एस्प्रीन, कॉम्बीफ्लेम या ब्रुफेन का इस्तेमाल न करें।
8- चिकनगुनिया में अक्सर लोगों को डी-हाइड्रेशन की शिकायत हो जाती है ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लें लिक्विड डाइट लेना फायदेमंद रहेगा।
9- अगर आप किसी दूसरी बीमारी के लिए भी दवा ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर को उसके बारे में जरूर बताएं। एक साथ दो तरह की दवाइयां लेना खतरनाक भी हो सकता है।
10- उन चीजों को ज्यादा से ज्यादा लें जिनसे विटामिन सी मिले, विटामिन सी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है।
11- बहुत अधिक ऑयली और स्पाइसी खाने से परहेज करें।
12- अगर बुखार न जा रहा हो तो डॉक्टर से जरूर परामर्श लें अपनी मनमर्जी मुताबिक दवाओं का सेवन न करें।