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फर्जी और गैर मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों पर चलेगा चाबुक
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षक संगठन अपने लेटर हेड पर बेसिक शिक्षा अधिकारी या वित्त एवं लेखाधिकारी को किसी भी समस्या से संबंधित ज्ञापन नहीं सौंप सकेंगे। इसके लिए वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी ने विभिन्न शासनादेशों के तहत आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं।
- सिर्फ मान्यता प्राप्त संगठन ही बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं वित्त एवं लेखाधिकारी को विभिन्न समस्याओं से संबंधित पत्र/ज्ञापन देने के होंगे हकदार
अमन यात्रा, कानपुर देहात– बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षक संगठन अपने लेटर हेड पर बेसिक शिक्षा अधिकारी या वित्त एवं लेखाधिकारी को किसी भी समस्या से संबंधित ज्ञापन नहीं सौंप सकेंगे। इसके लिए वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी ने विभिन्न शासनादेशों के तहत आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। इस संदर्भ में उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकारी सेवा नियमावली 1999 के तहत सभी प्रावधानों का उल्लेख करते हुए फर्जी शिक्षक संघों पर शिकंजा कसा है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ एवं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ को ही सही संघ ठहराया है, साथ ही उन्हें यह भी हिदायत दी गई है कि प्राथमिक शिक्षक संघ एवं जूनियर शिक्षक संघ ने जो अलग-अलग दो दो शिक्षक संघ बना रखे हैं उन्हें मर्ज करते हुए सिर्फ एक प्राथमिक शिक्षक संघ और एक जूनियर शिक्षक संघ बनाएं अन्यथा की स्थिति में उनके द्वारा दिए गए पत्रों पर भी विचार नहीं किया जा सकेगा क्योंकि नियमानुसार एक जनपद में सिर्फ एक प्राथमिक शिक्षक संघ एवं एक जूनियर शिक्षक संघ होता है।
लेखाधिकारी ने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि ऐसे मान्यता प्राप्त सेवा संगठन जिनमें एक से अधिक गुट हैं तथा समस्त गुटों के पदाधिकारी सेवारत सरकारी सेवक हैं को नोटिस जारी करते हुए उनसे कहा जाए कि वे एक साथ चुनाव कराकर कार्यकारिणी का गठन कर लें अन्यथा उनकी मान्यता समाप्त करने पर विचार किया जाएगा। शासनादेश में निहित प्रावधानों का पालन करना अत्यंत ही आवश्यक है अन्यथा की स्थिति में संघों द्वारा दिए गए समस्यात्मक पत्रों पर कोई भी विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय और वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में अनेक संगठनों के नाम पर अनेक पत्र प्राप्त होते रहते हैं जोकि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा अनुमन्य अथवा मान्य संगठनों की तरफ से निर्गत नहीं होते हैं। यह स्थिति न सिर्फ अव्यवस्था को जन्म दे रही है बल्कि अनुशासनहीनता का धोतक बनी हुई है।
पत्र के माध्यम से यह भी स्पष्ट किया गया है कि शिक्षामित्र एवं अनुदेशक संगठन भी अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद ही अपने लेटर हेड पर विभाग को किसी भी समस्या से संबंधित ज्ञापन सौंप सकते हैं। बताते चलें जनपद में कई फर्जी शिक्षक संघ संचालित हैं जोकि शिक्षकों से शिक्षक सदस्यता शुल्क के नाम पर प्रतिवर्ष वसूली करते हैं। अब ऐसे शिक्षक संगठनों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी और उनके द्वारा विभाग को दिए जाने वाले पत्रों पर कोई भी विचार नहीं किया जाएगा।