छल प्रपंच छोड़कर परमात्मा की शरण में जाना पड़ता है तभी मिलती है सद्गति : प्रिया जी
ग्राम कूईतमंदिर गौरियापुर अकबरपुर कानपुर देहात में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन अयोध्या से पधारी पूज्या लक्ष्मीप्रिया जी ने कथा के माध्यम से महाभारत प्रसंग का विस्तार करते हुए परीक्षित जी के जन्म की कथा श्रवण कराई, परीक्षित जन्म कथा की ब्यख्या करते हुए कहा कि मनुष्य ही परीक्षित है, हर मनुष्य को आज भी सात दिनों का अवसर मिलता है सोम, मंगल, बुध, आदि यही सात दिन है इन्हीं सात दिनों में हर मनुष्य को संसार छोड़कर जाना होता है।
सुशील त्रिवेदी, कानपुर देहात : ग्राम कूईतमंदिर गौरियापुर अकबरपुर कानपुर देहात में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन अयोध्या से पधारी पूज्या लक्ष्मीप्रिया जी ने कथा के माध्यम से महाभारत प्रसंग का विस्तार करते हुए परीक्षित जी के जन्म की कथा श्रवण कराई, परीक्षित जन्म कथा की ब्यख्या करते हुए कहा कि मनुष्य ही परीक्षित है, हर मनुष्य को आज भी सात दिनों का अवसर मिलता है सोम, मंगल, बुध, आदि यही सात दिन है इन्हीं सात दिनों में हर मनुष्य को संसार छोड़कर जाना होता है।
ऐसे में यदि मनुष्य छल प्रपंच का परित्याग करके परमात्मा की शरण में जाता है तो उसे सद्गति प्राप्त होती है । पूज्या प्रिया जी ने कथा के प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए सती चरित्र का वर्णन किया कहा कि देवी सती बिना बुलाए अपने पिता दक्ष के यज्ञ में गई यद्यपि माता पिता गुरु के यहां बिना बुलाए जाना चाहिए लेकिन यदि वहां कोई विरोध मानता हो तो वहां जाने से कल्याण नहीं होता है। देवी सती के पिता दक्ष, शिवजी से विरोध मानते हैं यह जानते हुए भी सती अपने पति की बात ना मानते हुए बाबा भोलेनाथ के बार-बार मना करने पर भी सती अपने पिता दक्ष के यज्ञ में सम्मिलित होती हैं उसका परिणाम सती को यज्ञ में अपने तन की आहूति देनी होती है। प्रसंग से सिक्षा देते हुए कहा कि समस्त स्त्रियों को अपने पति की सदैव आज्ञा पालन करते हुए,उसकी मर्यादा का सदैव ध्यान रखना चाहिए।
शिवरात्रि पर्व पर विशेष जय भोला भण्डारी शिव हरि भजन के प्रवाह में सभी बहने लगे संवेदी टीम संगीतकारों ने सुमधुर संगीत की स्वर लहरियों से पूरे वातावरण को संगीतमय बना दिया। अयोध्या जी से पधारी लक्ष्मी प्रिया एवं भारती बहन ने मधुर कंठ से शिव जी के सुंदर-सुंदर भजनों की प्रस्तुति से सभी को आनंदित कर दिया गौरियापुर धाम के सुमधुर भजन गायक रूपराम जी ने संगीत के स्वारों से स्वर मिलाकर सेवा अर्पित की,अक्टोपैड मनीष कुमार कश्यप,सिंथेसाइजर पर मुकेश सिंह जी ने सु मधुर संगत प्रदान की ।प्रख्यात तबलावादक डा.राजकुमार त्रिपाठी जी के कृपापात्र सिष्य गौरियापुर धाम के युवा तबला वादक लक्ष्मी नारायण जी के मंच संचालन एवं सुमधुर तबला वादन से संगीत प्रेमियों में आनंद की लहरें उठने लगी,पूज्या प्रियाजी के साथ पधारे पं.तरुणश्याम पाण्डेय जी पं.केशव तिवारी पं.योगेश ने वैदिक विधि से कथा के परिक्षित आधार सिंह तोमर द्वारा पूजन अर्चन संपन्न कराया। श्रीमद् भागवत कथा की आरती में,नीरज सिंह गौर,चाहत सिंह भदौरिया,राजेंद्र सिंह गौर, अरविंद सिंह तोमर, जितेंद्र सिंह गौर,राम बहादुर राजावत,सप्पू सिंह भदौरिया, अखिलेश सिंह एडवोकेट,मुनेश सिंह गौरपं.राजेशदीक्षित,पं.सन्तोषदीक्षित,विनय सिंह गौर ने समलित होकर प्रतिभाग किया।