वन नेशन वन स्टूडेंट आइडी की तर्ज पर अपार आइडी देगी छात्रों को विशिष्ट पहचान
स्कूल से लेकर कॉलेज तक के छात्रों के पास अब आधार कार्ड के अलावा एक और विशिष्ट पहचान आइडी होगी। इसका नाम अपार (आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) रखा गया है। इसके लिए उनके माता-पिता की सहमति लेने का कार्य स्कूल स्तर पर शुरू हो गया है।
- आधार कार्ड की तरह हर स्कूली बच्चे का बनेगा अपार कार्ड, अभिभावकों की सहमति लेने का कार्य स्कूल स्तर पर शुरू
राजेश कटियार, कानपुर देहात। स्कूल से लेकर कॉलेज तक के छात्रों के पास अब आधार कार्ड के अलावा एक और विशिष्ट पहचान आइडी होगी। इसका नाम अपार (आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) रखा गया है। इसके लिए उनके माता-पिता की सहमति लेने का कार्य स्कूल स्तर पर शुरू हो गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक के हर छात्र के लिए अपार आइडी बनाने की योजना वन नेशन वन स्टूडेंट आइडी की तर्ज पर बनाई है। इसे छात्रों के आधार नंबर से भी लिंक किया जाएगा। आधार कार्ड की तरह हर स्कूली बच्चे का 12 अंकों का अलग अपार आइडी कार्ड बनाया जाएगा। अपार आइडी कार्ड में बच्चे की सभी जानकारी होगी।
इसमें नाम, पता, जन्मतिथि, फोटो के साथ ही बच्चे के खेलकूद की गतिविधियां, एजुकेशन लोन, स्कालरशिप अवार्ड आदि की भी पूरी जानकारी होगी।कार्ड को बनाने के लिए बच्चों के अभिभावकों से पहले सहमति लेने का कार्य शिक्षा मंत्रालय स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भारत सरकार के सचिव संजय कुमार द्वारा सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को जारी पत्र के बाद स्कूल स्तर से शुरू कर दिया गया है।
बच्चों को एक तय फार्मेट का फॉर्म दिया जा रहा है। इस फॉर्म को अभिभावकों से भरवाकर जमा कराने का कार्य स्कूलों में पैरेंट्स टीचर मीटिंग (पीटीएम) आयोजित कराकर किया जा रहा है। इसके बाद कार्ड बनाया जाएगा। कार्ड की विशेषता यह भी होगी कि किसी भी छात्र का एक बार कार्ड बनने के बाद अगर स्कूल बदला भी जाता है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यही कार्ड हमेशा काम आएगा। इसका नंबर आधार की तरह ही यूनिक होगा जिसका इस्तेमाल भविष्य में बच्चे को हर जगह करना अनिवार्य हो जाएगा।
राज्य सरकार के विभाग अभिभावकों के साथ करेंगे बैठक-
उत्तर प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक संस्थानों को अपार आइडी बनाने के महत्व पर चर्चा करने के लिए 16 से 18 अक्टूबर के बीच अभिभावकों और शिक्षकों की एक बैठक आयोजित करने को कहा है।
डाटा गोपनीय रहेगा-
सरकार की ओर से कहा गया है कि इसमें छात्रों के माता-पिता की सहमति की आवश्यकता होगी। सरकार ने आश्वासन दिया कि डाटा गोपनीय रहेगा और केवल सरकारी एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा। सहमति देने वाले अभिभावक इसे किसी भी समय वापस ले सकते हैं। सहमति के बाद इसे सेंट्रल यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट एंड इंफार्मेशन सिस्टम फार एजुकेशन प्लस पोर्टल पर अपलोड करना स्कूल की जिम्मेदारी होगी।
अपार के फायदें-
अपार आईडी हर स्टूडेंट के लिए लाइफ लॉन्ग आइडेंटिटी के तौर पर काम करेगा। स्टूडेंट की सारी एकेडमिक डिटेल, कोर्सेज और क्रेडिट्स की जानकारी आईडी के साथ रजिस्टर होगी। स्टूडेंट्स अपार आईडी पर अपने क्रेडिट स्कोर का इस्तेमाल नौकरी या हायर एजुकेशन के लिए अप्लाई करने के लिए भी कर सकते हैं। स्टूडेंट्स की एकेडमिक परफॉर्मेंस एग्जाम के रिजल्ट, स्किल ट्रेनिंग, स्पोर्ट्स, एक्स्ट्रा करिकुलर स्किल (एक्टिंग, डांस, कोडिंग), ओलिंपियाड, रीजनल नेशनल या इंटरनेशनल अचीवमेंट्स को डिजिटली स्टोर किया जा सकेगा। स्कूल के बाद आगे चलकर स्टूडेंट्स जो भी स्किल सीखते हैं उसके लिए मिलने वाले क्रेडिट पॉइंट भी इसी आईडी से जुड़ते जाएंगे।
स्टूडेंट्स की बेसिक डिटेल-
जैसे नाम, पता, क्लास, उम्र, डेट ऑफ बर्थ, जेंडर और फोटो आईडी को शेयर करने पर एक्सेस किया जा सकेगा। इससे स्कॉलरशिप्स और एडमिशन के लिए अप्लाई करना आसान हो जाएगा। स्टूडेंट्स का पिछला रिकॉर्ड आईडी पर मौजूद होने से स्कूल बदलने में भी आसानी होगी।बीच में स्कूल छोड़ देने वाले ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स की संख्या भी मॉनिटर की जा सकेगी। देशभर के स्टूडेंट्स का डेटा एक ही पोर्टल पर होने से स्टूडेंट्स के लिए बेहतर पॉलिसी बनाने में भी मदद मिलेगी।