आसमान से गिरा खजूर में अटका बेसिक शिक्षकों का अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण
अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के लिए मई से तालमेल (पेयर) बनाए 2400 शिक्षक/ शिक्षिकाएं मनचाहे जिले में तैनाती की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह स्थानांतरण नियमानुसार जून या जनवरी यानी ग्रीष्मावकाश या शीतावकाश में होना था। जून में नहीं होने पर जनवरी में उम्मीद थी लेकिन विभागीय लेटलतीफी के कारण यह अवधि भी बीत गई।

- तालमेल बनाकर मई 2023 से प्रतीक्षा कर रहे हैं बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक
- पहले जून में होना था स्थानांतरण फिर जनवरी में भी आदेश जारी नहीं कर सका बेसिक शिक्षा परिषद
कानपुर देहात। अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के लिए मई से तालमेल (पेयर) बनाए 2400 शिक्षक/ शिक्षिकाएं मनचाहे जिले में तैनाती की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह स्थानांतरण नियमानुसार जून या जनवरी यानी ग्रीष्मावकाश या शीतावकाश में होना था। जून में नहीं होने पर जनवरी में उम्मीद थी लेकिन विभागीय लेटलतीफी के कारण यह अवधि भी बीत गई।
अब नए शैक्षिक सत्र अप्रैल में भी होना मुश्किल है क्योंकि तब तक लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने का डर शिक्षकों को सता रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक शिक्षिकाओं ने सचिव प्रताप सिंह बघेल के निर्देश पर पारस्परिक अंतः जनपदीय (जिले के अंदर) एवं पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए तालमेल बनाए थे। 20752 शिक्षक-शिक्षिकाओं के अंतःजनपदीय स्थानांतरण तो कर दिए गए लेकिन अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नहीं किए गए। अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल नहीं किए जाने पर एक शिक्षिका ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई जिसे प्रक्रिया में सम्मिलित करने के आदेश कोर्ट ने दिए।
कोर्ट ने प्रक्रिया को स्थगित करने का आदेश नहीं दिया था लेकिन विभाग ने याची शिक्षिका को सम्मिलित करने के नाम पर प्रक्रिया रोक दी। ऐसे में तालमेल बनाए 2400 शिक्षकों की ओर से याचिका लगाई गई जिसमें परिषद ने शासनादेश के आधार पर पक्ष रखा कि मध्य सत्र में स्थानांतरण नहीं किया जा सकता। इस पर हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि सत्र शुरू होते ही अप्रैल में संबंधित शिक्षकों को कार्यमुक्त कर नए स्थल पर कार्यभार ग्रहण कराया जाए।
इस आदेश के बाद शिक्षकों को भय है कि अप्रैल में चुनाव आचार संहिता लागू होने पर उनका स्थानांतरण फंस सकता है।ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि विभाग अधिकारियों की ढिलाई से पारस्परिक स्थानांतरण के लिए तालमेल बनाए शिक्षकों के साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने मांग की है कि कोर्ट के आदेश के क्रम में अप्रैल में कार्यमुक्त और कार्यभार ग्रहण करने का आदेश इस शर्त के साथ निर्गत किया जाए कि आचार संहिता समाप्त होने पर तत्काल कार्यमुक्त और कार्यभार ग्रहण करने की प्रक्रिया पूर्ण कराई जाए जिससे शिक्षकों को राहत मिल सके।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.