श्रद्धा और भक्ति का संगम: पुखरायां में गायत्री महायज्ञ का भव्य समापन
पुखरायां नगर में आयोजित तीन दिवसीय 11 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आज अंतिम दिन दीपयज्ञ के साथ भव्य समापन हुआ। इस आध्यात्मिक अनुष्ठान में बड़ी संख्या में गायत्री भक्तजन उमड़े, जिन्होंने दीपयज्ञ में भाग लेकर पुण्य लाभ कमाया।
- पुखरायां में गूंजे गायत्री मंत्र: 11 कुंडीय महायज्ञ का समापन
- पालिकाध्यक्ष पूनम दिवाकर ने बढ़ाया उत्साह, टोली का किया सम्मान
- बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु, भक्ति में डूबा पुखरायां
पुखरायां। पुखरायां नगर में आयोजित तीन दिवसीय 11 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आज अंतिम दिन दीपयज्ञ के साथ भव्य समापन हुआ। इस आध्यात्मिक अनुष्ठान में बड़ी संख्या में गायत्री भक्तजन उमड़े, जिन्होंने दीपयज्ञ में भाग लेकर पुण्य लाभ कमाया।
पालिकाध्यक्ष ने बढ़ाया उत्साह
कार्यक्रम में पुखरायां नगर पालिकाध्यक्ष श्रीमती पूनम दिवाकर ने विशेष रूप से भाग लिया और टोली का सम्मान करके कार्यक्रम की सफलता में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के धार्मिक आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और हमें अपनी संस्कृति और मूल्यों से जोड़ते हैं।
दीपयज्ञ का महत्व
आज के कार्यक्रम में टोली नायक विमला जी और मिथिलेश जी ने दीपयज्ञ के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दीपयज्ञ अंधकार को दूर कर प्रकाश की ओर ले जाने का प्रतीक है। यह यज्ञ हमारे जीवन में ज्ञान, श्रद्धा और भक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
गुरु की महिमा का गान
आज के कार्यक्रम में गुरु की महिमा का भी गान किया गया। वक्ताओं ने गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु ही हमें अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश में ले जाते हैं। गुरु का मार्गदर्शन हमारे जीवन को सही दिशा प्रदान करता है।
गायत्री परिवार का योगदान
इस महायज्ञ के आयोजन में गायत्री परिवार पुखरायां का विशेष योगदान रहा। अर्जुन सिंह सचान, कन्हैया सोहाने, गोपाल सोहाने, सचिन सोहाने, वीरेंद्र सिंह, नीरज सचान, महेश, जगदीश, रणधीर, चंदन सिंह, दिनेश आदि कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अथक प्रयास किए। महिलाओं में प्रभा त्रिवेदी, शोभा सचान, पुष्पा सोहाने, संगीता सुहाने, प्रियंका गुप्ता आदि ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।
बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल
इस तीन दिवसीय महायज्ञ में बड़ी संख्या में गायत्री भक्तजन शामिल हुए। सभी ने दीपयज्ञ में भाग लेकर और गुरु की महिमा का श्रवण कर अपने जीवन को धन्य बनाया। इस तरह के धार्मिक आयोजन समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देते हैं।
आयोजन की सफलता
यह महायज्ञ गायत्री परिवार द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें 11 कुंडों में एक साथ आहुतियां दी गईं। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। आयोजन को सफल बनाने में स्थानीय लोगों ने भी भरपूर सहयोग दिया।
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