कानपुर देहात: उर्वरक कालाबाजारी का वीडियो वायरल, V-PACS सचिव पर FIR दर्ज करने के आदेश
जिलाधिकारी कपिल सिंह के निर्देश पर, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार ने उर्वरक की कालाबाजारी के मामले में सख्त कार्रवाई की है।

कानपुर देहात: जिलाधिकारी कपिल सिंह के निर्देश पर, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार ने उर्वरक की कालाबाजारी के मामले में सख्त कार्रवाई की है। रसूलाबाद के वी-पैक्स (V-PACS) रामपुर मजरा बैरिसाल के सचिव रमेश चंद्र के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
ग्राम पंचायत भवन सिसई रसूलाबाद में संचालित वी-पैक्स केंद्र में 19 अगस्त, 2025 को किसानों को यूरिया का वितरण किया गया था। वितरण के बाद, बची हुई यूरिया गोदाम में रखी थी। रात करीब 9:30 बजे, एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक ओमनी वैन (यूपी 78 वी 0809) और एक ई-रिक्शा (यूपी 77 वीपी 7428) से ग्राम पंचायत भवन से यूरिया निकालकर गाड़ियों में रखते हुए देखा गया।
जांच में हुआ खुलासा
वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए 20 अगस्त, 2025 को उप जिलाधिकारी रसूलाबाद सर्वेश कुमार सिंह, सहायक आयुक्त प्रवीण कुमार और जिला कृषि अधिकारी डॉ. उमेश कुमार गुप्ता की टीम ने मामले की जांच की। जांच में पाया गया कि समिति की पीओएस (POS) मशीन में 313 बोरी यूरिया का स्टॉक था, जबकि मौके पर केवल 225 बोरी मिली। इस तरह, 88 बोरी यूरिया का अंतर पाया गया, जिससे कालाबाजारी की पुष्टि हुई।
सचिव ने लगाया ग्राम प्रधान पर आरोप
वी-पैक्स के सचिव रमेश चंद्र ने लिखित रूप में बताया कि वितरण के दौरान ग्राम प्रधान पति अनिल कुमार ने 9 लोगों को यूरिया दिलवाई थी। चूंकि उनके पास गाड़ी नहीं थी, इसलिए प्रधान पति ने वह यूरिया अपने ऑफिस में रख ली। सचिव का आरोप है कि प्रधान पति ने धमकी दी थी कि यदि यूरिया नहीं दी गई तो उन्हें पंचायत भवन खाली करना पड़ेगा। इसी दबाव में उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
यह कार्रवाई उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 और उर्वरक (मूवमेंट नियंत्रण) आदेश 1973 के नियमों का उल्लंघन है, जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत दंडनीय अपराध है। जिलाधिकारी के आदेश पर सचिव रमेश चंद्र के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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