नवरात्र पर्व की तैयारियां शुरू: कानपुर देहात में 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक रहेगा भक्तिमय माहौल
सार्वजनिक स्थलों और घरों में शुरू हुई साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने कसी कमर

सुशील त्रिवेदी, कानपुर देहात – पितृ पक्ष की समाप्ति के साथ ही, अब पूरे देश के साथ-साथ कानपुर देहात में भी नवरात्र पर्व की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। माँ के शक्ति स्वरूप को समर्पित यह नौ दिवसीय पर्व इस वर्ष 22 सितंबर से प्रारंभ होकर 1 अक्टूबर 2025 को समाप्त होगा। सार्वजनिक स्थलों, मंदिरों और घरों में माँ के विग्रह की स्थापना के लिए साफ-सफाई और सजावट का काम शुरू हो गया है, जिससे पूरे जिले में एक भक्तिमय और उत्साहपूर्ण माहौल बन गया है।
शारदीय नवरात्र का धार्मिक महत्व
इस संबंध में आचार्य राहुल त्रिपाठी ने बताया कि वर्षा ऋतु के बाद सनातन परंपरा में शारदीय नवरात्र का आगमन होता है। यह पर्व न केवल घरों में बल्कि सार्वजनिक स्थलों में भी एक बड़े अभियान के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लोग साफ-सफाई और पूजा-अर्चना के माध्यम से माता के शक्ति स्वरूप की उपासना करते हैं। आचार्य त्रिपाठी ने बताया कि माँ दुर्गा का विग्रह तो एक ही है, लेकिन उनके नौ स्वरूपों की पूजा अलग-अलग दिनों में की जाती है, और हर स्वरूप का अपना विशेष महत्व है।
- प्रथम दिन: भक्तजन माता के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा करेंगे, जिससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आएगी।
- द्वितीय दिन: माँ के शांत और तपस्विनी स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी, जो ज्ञान और वैराग्य प्रदान करती हैं।
- तृतीय दिन: माँ चंद्रघंटा की पूजा होगी, जो साहस और वीरता का प्रतीक हैं।
- चतुर्थ दिन: माता कुष्मांडा की उपासना की जाएगी, जिन्हें ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाली देवी माना जाता है।
- पंचम दिन: माँ स्कंदमाता की पूजा होगी, जो मातृत्व और करुणा की प्रतीक हैं।
- षष्ठम दिन: भक्तजन माँ कात्यायनी की आराधना करेंगे, जिन्हें शक्ति और न्याय की देवी के रूप में जाना जाता है।
- सप्तम दिन: माँ कालरात्रि की पूजा की जाएगी, जो सभी बुराइयों का नाश करती हैं।
- अष्टम दिन: माता महागौरी की उपासना होगी, जो पवित्रता और शांति का प्रतीक हैं।
- अंतिम दिन (नवम दिन): 1 अक्टूबर को माता के मनोकामनाएं पूर्ण करने वाले स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी, जो भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करती हैं।
यह पर्व सनातन धर्म को मानने वालों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसी कारण हर कोई अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार इस पर्व को मनाने की तैयारी में जुटा है।
सुरक्षा और व्यवस्था पर प्रशासन की नजर
नवरात्र पर्व को लेकर जहां एक ओर लोगों में उत्साह है, वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन भी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। जिलाधिकारी कपिल सिंह और नवगंतुक पुलिस अधीक्षक श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने अपने सहयोगी विभागों के अधिकारियों, समाज के प्रतिष्ठित नागरिकों और संतों के साथ एक संयुक्त बैठक की। इस बैठक में उन्होंने आगामी पर्वों को परंपरागत तरीके से और शांतिपूर्ण माहौल में मनाने का आग्रह किया।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि दुर्गा प्रतिमा की स्थापना करते समय यह ध्यान रखना होगा कि इससे किसी अन्य व्यक्ति के काम में कोई बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी नई परंपरा शुरू न की जाए, और सभी आयोजक पुराने नियमों का पालन करें। प्रशासन ने कहा है कि सार्वजनिक स्थलों पर साफ-सफाई और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
बाजारों में मूर्तियों की रौनक
नवरात्र शुरू होने से पहले ही, जनपद मुख्यालय और आसपास के बाजारों में माता रानी के विग्रह (मूर्तियां) बिक्री के लिए सजाकर रखे गए हैं। ये विग्रह विभिन्न आकार और स्वरूपों में उपलब्ध हैं, जैसे छोटे, बड़े और मझोले। श्रद्धालुजन अपनी-अपनी आवश्यकता और बजट के अनुसार इन मूर्तियों को खरीद रहे हैं। बाजारों में मूर्तियों की खरीददारी से रौनक बढ़ गई है, और यह इस बात का संकेत है कि इस साल भी नवरात्र का पर्व बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा।
सभी विभागों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि बिजली, पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रहे, ताकि पर्व के दौरान किसी भी तरह की असुविधा न हो। प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ त्योहार मनाएं और शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।
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