अधिवक्ता पर पुलिस बर्बरता न्यायालयों एवं न्यायिक व्यवस्था पर कुठाराघात: मुलायम सिंह यादव एडवोकेट
बनारस घटना को लेकर जिला एवं सत्र न्यायालयों में अधिवक्ता रहे न्यायिक कार्यों से विरत

राज्यपाल को संबोधित 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा जिलाधिकारी कानपुर देहात को
सुशील त्रिवेदी, कानपुर देहात: जिला बार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मुलायम सिंह यादव ने आज न्यायिक व्यवस्था में अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र न्यायालय प्रणाली की नींव रखने वाले अधिवक्ता आज प्रदेश भर में अपनी सुरक्षा को लेकर भयभीत एवं चिंतित हैं, जो स्वतंत्र भारत में एक गहरी चिंता का विषय है।
यह चिंता बनारस जनपद में हुई हालिया घटना के संदर्भ में और भी ज़रूरी हो जाती है, जहां पुलिस द्वारा एक अधिवक्ता के साथ की गई बर्बरता न्याय और न्यायिक गरिमा के लिए कलंक है। मुलायम सिंह यादव ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे न्याय व्यवस्था और लोकतंत्र की अवहेलना बताया।
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बनारस की घटना पर न्यायिक अधिवक्ताओं का रोष
प्रभातकालीन जिला एवं सत्र न्यायालय में आज बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे। उन्होंने पुलिस की इस घटना के विरोध में पूरा न्यायिक कार्य बंद रखकर न्यायपालिका को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया। सदस्यों द्वारा इस बर्बरता की तीव्र भर्त्सना की गई और इसे लेकर प्रदेश के राज्यपाल को संबोधित 11 सूत्रीय मांगों पर आधारित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि अतिरिक्त मजिस्ट्रेट देश दीपक को दिया गया।
11 सूत्रीय मांगों में सुरक्षा और सम्मान शामिल
ज्ञापन में अधिवक्ताओं की सुरक्षा व सम्मान सुनिश्चित करने के सख्त उपाय करने, पुलिस के आगामी व्यवहार के लिए कठोर कार्यवाही एवं अधिवक्ता परिवारों की भी सुरक्षा की मांग की गई है। साथ ही पुलिस के इस प्रकार के दुराचार को रोकने हेतु विशेष प्रावधान लागू करने का आग्रह किया गया है।
मुलायम सिंह यादव का वक्तव्य
जिलाध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अधिवक्ताओं के साथ हो रही लगातार हिंसा और प्राणघातक हमले केवल न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला नहीं, बल्कि पूरे कानूनी तंत्र की आत्मा को चोट पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा, “यह कल्पना स्वतंत्र भारत के इतिहास में शायद ही किसी ने की होगी कि न्यायालय के बाहर अपराधी संकट में होंगे और अधिवक्ता स्वयं अपनी सुरक्षा के लिए भयभीत होंगे।”
उन्होंने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाया और कहा कि यह रवैया अधिवक्ताओं की गरिमा को बाधित करने वाली दुर्भावना का प्रतीक है। उन्होंने चेतावनी दी कि अब अधिवक्ता इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं करेंगे और यदि सुरक्षा एवं सम्मान की मांगें पूरी नहीं हुईं तो आवश्यकतानुसार और सख्त आंदोलन किया जाएगा।
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पुलिस प्रशासन के खिलाफ स्पष्ट संदेश
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि कानून की न्यायिक प्रणाली में अधिवक्ताओं की भूमिका अहम होती है। वे न्याय के द्वारपाल हैं और उनके सम्मान तथा सुरक्षा का ध्यान रखना पुलिस प्रशासन का कर्तव्य है। लेकिन पुलिस की इस बर्बरता से यह भरोसा कमज़ोर हुआ है। उन्होंने इस प्रकार की घटनाओं को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया।
अधिवक्ता नेता एवं सदस्य उपस्थित रहे
इस अवसर पर जिला बार एसोसिएशन के महामंत्री घनश्याम सिंह राठौर, वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश चंद सिंह गौर, धर्मेंद्र सिंह यादव, अमित शुक्ला, रोहित कुमार शुक्ला, उपदेश कुमार यादव, वकार अहमद, वीरेंद्र सिंह कटियार, बृजेन्द्र सिंह चौहान, महेंद्र कुमार पाल, संतराम सिंह, दिनेश संखवार, डीके सिंह, रजनी पांडे, प्रीति त्रिपाठी, महेंद्र सिंह आदि अनेक अधिवक्ता उपस्थित थे। सभी ने पुलिस की अधिवक्ताओं पर हो रही बर्बरता की पुरज़ोर निंदा की।
न्यायिक व्यवस्था की गरिमा बचाना ही प्राथमिकता
अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर जिला प्रशासन सहित प्रदेश सरकार से अपील की कि वे इस स्थिति को गंभीरता से लें और अधिवक्ताओं की सुरक्षा व सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए ठोस एवं त्वरित कदम उठाएँ। उन्होंने कहा कि बिना सुरक्षित और सम्मानित अधिवक्ता न्याय का सुदृढ़ शासन असंभव है।
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