राम राज्य और कृष्ण जन्म पर शिवाकांत महाराज का प्रवचन, भक्तों में भक्ति का संचार
सिद्ध पीठ धर्मगढ़ बाबा महामहोत्सव में बह रही सरस ज्ञान गंगा के सातवें दिन अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित शिवाकांत जी महाराज ने भगवान राम के चरित्र राज्याभिषेक और कृष्ण जन्म की कथा में प्रवचन करते हुए बताया कि भगवान की कथा सुनना अत्यंत दुर्लभ और सौभाग्य की बात है

रसूलाबाद, कानपुर देहात।सिद्ध पीठ धर्मगढ़ बाबा महामहोत्सव में बह रही सरस ज्ञान गंगा के सातवें दिन अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित शिवाकांत जी महाराज ने भगवान राम के चरित्र राज्याभिषेक और कृष्ण जन्म की कथा में प्रवचन करते हुए बताया कि भगवान की कथा सुनना अत्यंत दुर्लभ और सौभाग्य की बात है जो अनेक जन्मों के पुण्य दान यज्ञ ब्राह्मण व संत सेवा के फलस्वरूप प्राप्त होता है। उन्होंने यह भी समझाया कि मनुष्य को अपने पितरों माता-पिता और पूर्वजों के प्रति संभव सम्मान और श्रद्धा रखनी चाहिए क्योंकि यह संबंध कई जन्मों तक चलता है और आत्मा के स्तर पर भी जुड़ा रहता है।
भगवान राम का आदर्श चरित्र पर शिवाकांत जी महाराज ने कहा कि भगवान राम का चरित्र संपूर्ण मानवता के लिए मार्गदर्शन करता है। उनका राज्य रामराज्य ऐसा था जहाँ किसी को दैहिक दैविक भौतिक तीनों प्रकार के कष्ट नहीं सताते थे। उन्होंने इसे पूर्ण आदर्श राज व्यवस्था बताई जिसमें हर जीव सुखी व निर्भय था।
महाराज जी ने बताया कि यदि व्यक्ति अपने हृदय रूपी अयोध्या में प्रभु राम को विराजमान कर दे तो उसके जीवन से तीनों प्रकार के दुख दूर हो जाते हैं। राज्याभिषेक के प्रसंग में महाराज जी ने बताया कि यह केवल सत्ता का हस्तांतरण नहीं बल्कि कर्तव्य धर्म और न्याय का प्रतीक है। राज्याभिषेक के द्वारा भगवान राम ने सत्य सेवा त्याग करुणा और कर्तव्य पालन का संदेश समाज को दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम ने हमेशा अपने भाइयों माता पिता और प्रजा के कल्याण को सर्वोच्च रखा।
कृष्ण जन्म की कथा में शिवाकांत जी महाराज ने समझाया कि भगवान कृष्ण के प्राकट्य का मुख्य उद्देश्य अधर्म का नाश और धर्म की पुनः स्थापना करना था। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि जब भी संसार में संकट आता है तब भगवान अवतरित होते हैं और भक्तों की रक्षा करते हैं। भागवत में बताया गया कृष्ण जन्म का हर प्रसंग आनंद प्रेम और भक्ति का संदेश देता है कि भगवान का नाम और उनकी कथा आत्मा को शांति सुख और आनंद से भर देती है ।
इस मौके पर सत्संग मंडल के पदाधिकारियों में संरक्षक मुरारी लाल कुशवाहा विजय गुप्ता राजेश त्रिपाठी मयंक त्रिपाठी मीनू सिंह उमेश गुप्ता बऊ वन चौरसिया प्रहलाद गुप्ता रामू मिश्रा अभय गुप्ता पुतानी गुप्ता सुमन दुबे गोपाल गुप्ता बीरू कुशवाहा रवि सिंह सहित सैकड़ों भक्तों ने महाराज जी का माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया ।
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