अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का अधिवेशन राष्ट्र निर्माण का महायज्ञ : भजनलाल शर्मा
एबीआरएसएम के 9वें राष्ट्रीय अधिवेशन में देश भर से जयपुर पहुंचे हजारों शिक्षक
जयपुर। आज अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के 9वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया। कार्यक्रम का प्रारंभ मां भारती एवं मां सरस्वती के चित्रों पर माल्यार्पण एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर विशिष्ट अतिथि रहे।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भारत माता की जय के उद्घोष के साथ अपने संबोधन में कहा कि भारत में गुरु और शिष्य की महान परंपरा रही है। गुरु अपने शिष्य का सच्चा मार्गदर्शक, मित्र और पथ प्रदर्शक होता है। युवा के जीवन को दिशा देने का कार्य शिक्षक का है। शिक्षक हमारे राष्ट्र में प्रारंभ से ही राष्ट्र निर्माता की भूमिका में रहे हैं। विद्यार्थियों को रोजगार परक एवं कौशल विकास की शिक्षा देने की दिशा में नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए हमारी सरकार कृत संकल्प है। शिक्षकों की किसी भी समस्या को सरकार अपनी समस्या मान कर उसके शीघ्र समाधान की दिशा में काम करेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिवेशन की स्मारिका एवं हमारा विद्यालय हमारा तीर्थ पुस्तक तथा संगठन के वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया।
यह केवल एक सम्मेलन नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक महायज्ञ है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार युवाओं को रोजगार देने की प्रति कृतसंकल्प है हमने चार लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी उस दिशा में हम सफल रहें हैं। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एक देशव्यापी संगठन है जो प्राथमिक शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय शिक्षा के मंदिरों में अपने शिक्षकों के माध्यम से शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति के मूल्यों की स्थापना का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है इसके लिए उन्होंने सभी शिक्षकों को बधाई दी।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष प्रोफेसर नारायण लाल गुप्ता ने महासंघ के 9वें राष्ट्रीय अधिवेशन के उदघाटन सत्र के अवसर पर संगठन की अब तक की यात्रा और उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि संगठन अपने स्थापना काल से ही शिक्षकों के सर्वांगीण विकास और राष्ट्र निर्माण के कार्य में निरंतर अग्रसर रहा है। प्रोफेसर गुप्ता ने यह भी बताया कि संगठन विश्व का सबसे बड़ा शिक्षकों का संगठन है, जो “शिक्षक राष्ट्र के लिए” इस मूल विचार और राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षक के हित मैं समाज ध्येय वाक्य के साथ कार्य कर रहा है। यही इस अधिवेशन का मुख्य विषय भी है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अपने सुनील भाई ने अपने संबोधन में कहा कि संगठन शिक्षकों के लिए वह सशक्त मंच है, जहाँ से वे भारत को एक ‘विकसित भारत’ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज का सबसे महत्वपूर्ण घटक हैं, जिन्हें राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका सकारात्मक रूप से निभानी चाहिए और संगठन इस दिशा में एक प्रभावी माध्यम के रूप में कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की महामंत्री गीता भट्ट ने किया। कार्यक्रम में जूना अखाड़ा के स्वामी चिन्मयानंद जी महाराज ,अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हनुमान सिंह जी क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अल्पना कटेजा कुलगुरु राजस्थान विश्वविद्यालय की गरिमामई उपस्थिति के साथ उत्तर प्रदेश से संजय मेधावी, योगेंद्र पाल सिंह, शिव शंकर सिंह, प्रदीप कुमार तिवारी, बृजेश श्रीवास्तव, मनोज कुमार शुक्ला, अनंत त्रिवेदी, सुनील कुमार, देवेंद्र सिंह, इंद्र कुमार, अजय कुमार गुप्ता, संत कुमार दीक्षित देश भर के 28 राज्यों से आए शिक्षक ,कार्यकर्ता बंधु उपस्थित रहे।
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