अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर सम्मानित हुए उत्कृष्ट शिक्षक
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए रविवार को इंटरनेशनल सेंटर इंग्लिश स्कूल, प्रो. एच.एन. मिश्रा कालेज ऑफ एजूकेशन, कानपुर में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
राजेश कटियार, कानपुर। अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए रविवार को इंटरनेशनल सेंटर इंग्लिश स्कूल, प्रो. एच.एन. मिश्रा कालेज ऑफ एजूकेशन, कानपुर में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसके लिए देश भर से शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। इसमें कानपुर देहात जिले से दीप्ती कटियार सहायक अध्यापिका प्राथमिक विद्यालय निनायाँ प्रथम सरवनखेड़ा कानपुर देहात एवं अनुपम प्रजापति सहायक अध्यापिका उच्च प्राथमिक विद्यालय जसवापुर सरवनखेड़ा कानपुर देहात का चयन किया गया। कार्यक्रम में देशभर के 160 शिक्षकों को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
बताते चलें हर वर्ष 5 अक्टूबर को दुनिया भर के शिक्षकों को सम्मान देने के लिए विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व शिक्षक दिवस की 31वीं सालगिरह है। विश्व भर के शिक्षकों के योगदान, उनके समर्पण भाव, कर्तव्यनिष्ठा को सलाम करने, उन्हें प्रोत्साहित करने एवं उनके अधिकारों के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है हालांकि भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। विश्व शिक्षक दिवस का उद्देश्य न केवल शिक्षकों की उपलब्धियों का जश्न मनाना है बल्कि शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए उनके सामने आ रही चुनौतियों पर भी ध्यान केंद्रित करना है।
विश्व शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है-
अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस का आयोजन यूनिसेफ, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और एजुकेशन इंटरनेशनल (ईआई) मिलकर करते हैं। 5 अक्टूबर 1966 को पेरिस में एक सम्मेलन का आयोजन हुआ था जिसमें टीचिंग इन फ्रीडम संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस संधि में शिक्षकों के अधिकार, जिम्मेदारी, भर्ती, रोजगार, सीखने- सिखाने के स्तर को ऊपर उठने के लिए कई सिफारिशें की गई थीं। संयुक्त राष्ट्र में विश्व शिक्षक दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने के लिए साल 1994 में 100 देशों के समर्थन से यूनेस्को की सिफारिश को पारित किया गया था। इसके बाद 5 अक्टूबर 1994 से अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।
विश्व शिक्षक दिवस 2025 की थीम-
इस वर्ष 2025 की थीम है शिक्षण को सहयोगी पेशे के रूप में पुनर्परिभाषित करना। यह थीम इस बात पर जोर देती है कि शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षण को सिर्फ एक व्यक्तिगत प्रयास के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसके बजाय शिक्षकों को एक-दूसरे के साथ अनुभव साझा करने, नई तकनीकों को अपनाने और शिक्षा प्रणाली को सामूहिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सहयोग और साझेदारी का माहौल प्रदान करना आवश्यक है। शिक्षक हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, वे हमें ज्ञान और जीवन के लिए सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। शिक्षक हमारे जीवन से अज्ञानता के अंधकार को दूर कर उसे ज्ञान के प्रकाश से भर देते हैं। शिक्षक हमें सिर्फ पढ़ाते नहीं हैं, वे हमारे भविष्य को आकार भी देते हैं। हमें जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं। वे हमारी गलतियां बताते हैं ताकि हम लगातार सुधार कर सकें। गुरु हमें जीवन के हर नए मोड़ पर आने वाली सभी कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति देते हैं। अत: शिक्षकों का सम्मान किया जाना अत्यंत आवश्यक है। यह दिन हमें मौका देता है कि हम दुनिया भर के शिक्षकों के समर्पण, उनकी कड़ी मेहनत और समाज के लिए उनकी सेवा के लिए आभार जता सकें।
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