कानपुर

Income Tax: आयकर अफसरों पर पड़ा भार, एक साथ करना होगा चार वर्ष का कार्य, जानिए – क्यों

Income Tax Latest Update वित्त मंत्रालय की अपर सचिव ने धारा 148 के तहत वादों को दोबारा कर निर्धारण कार्यवाही के लिए चुनने के निर्देश दिए हैं। इन सभी में 31 मार्च 2021 तक कार्यवाही की जानी है।

कानपुर, अमन यात्रा । Income Tax Latest Update  अब छह की जगह तीन वर्ष के मामले दोबारा खोले जाने के प्रस्तावित आदेश के चलते आयकर अफसरों पर जबरदस्त भार आ गया है। इस वित्तीय वर्ष के बमुश्किल तीन सप्ताह बचे हैं और ऐसे में उसमें चार वर्ष के वादों का पुन: कर निर्धारण करना होगा। सीबीडीटी ने भी इसके लिए आदेश कर दिए हैं। इसमें उन्हें 2013-14 से 2017-18 के वर्षों के लिए यह कार्यवाही करनी होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि 31 मार्च तक इन मामलों का पुन: कर निर्धारण ना किया गया तो इन वर्षों के वाद टाइम बार्ड हो जाएंगे।

बजट में प्रस्ताव आया था कि 50 लाख रुपये तक की करदेयता के मामले में अब छह वर्ष की जगह तीन वर्ष तक के केस ही कर निर्धारण के लिए दोबारा खोले जा सकेंगे। इसके चलते तीन वर्ष के धारा 148 के वादों का दोबारा कर निर्धारण नहीं हो पाता। इसे देखते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कर निर्धारण वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक यह कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

वित्त मंत्रालय की अपर सचिव ने धारा 148 के तहत वादों को दोबारा कर निर्धारण कार्यवाही के लिए चुनने के निर्देश दिए हैं। इन सभी में 31 मार्च 2021 तक कार्यवाही की जानी है। इसके लिए कुछ गाइडलाइन भी जारी की गई हैं कि किस तरह के मामलों को चुनना है। जिन मामलों में अंकेक्षण  आॅडिट आपत्ति लगी है और राजस्व का विवाद है, उसे इसके लिए चुना जाएगा। जिन मामलों में सरकारी विभागों या लॉ इनफोर्समेंट एजेंसी से सूचना मिली होगी, उनमें भी दोबारा कर निर्धारण होगा।

इनका ये है कहना

  • धारा 148 के तहत पुन: कर निर्धारण की कार्यवाही करने के पीछे क्या कारण हैं, इन्हें कर निर्धारण अधिकारी को नोटिस जारी करने से पहले अपने रिकाॅर्ड में लिखना होगा। ये निर्देश सेंट्रल सर्किल व अंतरराष्ट्रीय कराधान के मामले में लागू नहीं होंगे। – संतोष गुप्ता, टैक्स सलाहकार।
  • अगर अभी इन वर्षों के पुन: कर निर्धारण को ना किया गया तो इन वर्षों का कर निर्धारण कालातीत हो जाएगा। इसे दोबारा नहीं खोला जा सकेगा। इसलिए इन्हें जल्दी-जल्दी दोबारा खोला जा रहा है। – दीप कुमार मिश्रा, चार्टर्ड अकाउंटेंट
AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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