पिछले कुछ हफ्तों में पाकिस्तान सेना ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ का समर्थन करने के लिए भारी स्‍तर पर आर्टिलरी गन से अंधाधुंध गोलीबारी का सहारा लेकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भारतीय हिस्से पर नागरिकों को आक्रामक तरीके से निशाना बना रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल 21 निर्दोष नागरिकों ने पाकिस्तानी गोलीबारी में अपनी जान गंवाई है।

पाकिस्तान ने शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ कई इलाकों में भारी गोलाबारी की जिससे कम से कम चार नागरिकों के अलावा पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। भारतीय सेना ने टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों और तोपों से कई पाकिस्तानी ठिकानों पर हमला किया, जिसमें कम से कम आठ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 12 अन्य घायल हो गए।

पाकिस्तान ने शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ कई इलाकों में भारी गोलाबारी की जिससे कम से कम चार नागरिकों के अलावा पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। भारतीय सेना ने टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों और तोपों से कई पाकिस्तानी ठिकानों पर हमला किया, जिसमें कम से कम आठ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 12 अन्य घायल हो गए।

पाकिस्तान सेना की कार्रवाई में नागरिकों को विशेष रूप से टारगेट करने पर भारतीय सेना द्वारा गुलाम कश्मीर में आतंकियों के संदिग्ध लॉन्चपैड पर हमले किए जाते हैं। सूत्र ने कहा, विदेशी दाताओं से उगाही के लिए क्षेत्र में आतंकवादियों की मौत को पाकिस्तान की सहानुभूति और सहायता के लिए नागरिक मृत्यु के रूप में दिखाया गया है।

भारत ने बालाकोट में आतंकियों के ठिकानों पर किया था हवाई हमला 

सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान पिछले साल भारत के बालाकोट हवाई हमलों के बाद आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों के स्थान की कड़ी निगरानी कर रहा है। पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे। इसके जवाब में भारतीय युद्धक विमानों ने पिछले साल 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर एक जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को उड़ा दिया था, जिसमें कई आतंकी मारे गए थे।

अमित शाह ने एयर स्‍ट्राइक का किया था जिक्र 

कुछ दिनों पहले भारतीय सेनाओं की एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत ने अब अपने दुश्मनों को करारा जवाब देना शुरू कर दिया है। पहले की तरह अब केवल कूटनीतिक बयान जारी कर देना काफी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।