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शिक्षक संघ की पहल लाई रंग: जिला विद्यालय निरीक्षक ने कई लंबित मामलों का किया निस्तारण

शिक्षकों में खुशी की लहर, वित्तीय और प्रशासनिक मुद्दों पर मिली बड़ी राहत

कानपुर देहात: शिक्षकों की विभिन्न लंबित मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) से मुलाकात की। यह बैठक अत्यंत सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक रही, जिसके परिणामस्वरूप कई महत्वपूर्ण और लंबे समय से लंबित मामलों का समाधान कर दिया गया है। इस त्वरित कार्रवाई से जिले के शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है, क्योंकि उन्हें वित्तीय और प्रशासनिक दोनों ही मोर्चों पर बड़ी राहत मिली है।

संघ के प्रादेशिक मंत्री बी.के. मिश्रा, जिलाध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष नंदलाल पाल, और जिला उपाध्यक्ष विपिन त्रिपाठी तथा ओ.पी. पटेल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने 30 अगस्त को सौंपे गए अपने मांग पत्र के सभी बिंदुओं पर डीआईओएस महोदय से गहन चर्चा की। इस दौरान, प्रत्येक मांग पर विस्तार से बात हुई, और डीआईओएस ने अधिकांश पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कई मामलों को मौके पर ही निस्तारित कर दिया।

सबसे पहले, व्यावसायिक शिक्षकों के सेवा विस्तार का मामला, जो काफी समय से लंबित था और उनके भविष्य के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ था, उसे डीआईओएस ने तत्काल प्रभाव से निस्तारित कर दिया। यह निर्णय व्यावसायिक शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत है। इसके अलावा, श्री रामस्वरूप ग्राम उद्योग इंटर कॉलेज, पुखरायां की शिक्षिका गीता सचान और गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज, झींझक के सर्वेश कुमार पांडे की प्रवक्ता पद पर पदोन्नति के प्रकरण को भी शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया गया। शिक्षकों के लिए पदोन्नति एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, और इस आश्वासन ने उनके मनोबल को बढ़ाया है।

वार्ता में वित्तीय मामलों पर भी गंभीर चर्चा हुई। दयानंद इंटर कॉलेज, बाढ़ापुर के शिक्षकों और कर्मचारियों का वर्ष 2017 तक का लंबित एनपीएस (NPS) अंशदान जमा न होने का मामला उठाया गया। यह एक ऐसा मुद्दा था जो शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की सुरक्षा से जुड़ा था। डीआईओएस ने इस प्रकरण के शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया, जिससे हजारों शिक्षकों के भविष्य की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इसी क्रम में, प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत करने हेतु जिन शिक्षकों की फाइलें कार्यालय में लंबित थीं, उन्हें भी तत्काल प्रभाव से निस्तारित कर दिया गया है। यह शिक्षकों के लिए एक बड़ी वित्तीय राहत है, जो उनके वर्षों के अनुभव का सम्मान करती है।

इसके अतिरिक्त, वर्ष 2025 में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में मूल्यांकन कार्य करने वाले सभी परीक्षकों के बकाया पावना बिल भी पारित कर दिए गए हैं। डीआईओएस ने आश्वासन दिया कि संबंधित धनराशि सोमवार को उनके खातों में क्रेडिट हो जाएगी, जिससे परीक्षकों की लंबे समय से चली आ रही परेशानी खत्म हो जाएगी। यह कदम प्रशासन की पारदर्शिता और जवाबदेही को दर्शाता है।

शिक्षकों के लिए एक और महत्वपूर्ण मुद्दा, वर्ष 2021 से जनपद में कार्यरत सभी शिक्षकों के लिए प्राण (PRAN) नंबर के आवंटन का था। यह नंबर वेतन और अन्य वित्तीय लाभों के लिए आवश्यक होता है। डीआईओएस ने इस मामले में भी जल्द से जल्द कार्रवाई करने की बात कही है। इसके साथ ही, वर्ष 2021 में नियुक्त हिंदी प्रवक्ता के कुछ शिक्षकों का प्रथम वेतनमान भुगतान लंबित था, इस संबंध में भी शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया गया है।

शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने वार्ता के परिणाम पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, “जिला विद्यालय निरीक्षक महोदय का रुख बेहद सकारात्मक रहा है। उन्होंने हमारी मांगों को गंभीरता से सुना और त्वरित कार्रवाई की, जिसके लिए हम उनके आभारी हैं। यह दिखाता है कि प्रशासन शिक्षकों की समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने कहा कि संगठन इन निर्णयों के क्रियान्वयन पर नजर रखेगा।

वार्ता के दौरान संगठन के संरक्षक अरविंद पांडे, राजनारायन दीक्षित, शिव सिंह चंदेल और अजय पाल सहित अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे। इस बैठक ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रशासन और शिक्षक प्रतिनिधियों के बीच सकारात्मक संवाद से लंबित मुद्दों को तेजी से सुलझाने में मदद मिलती है।

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Author: aman yatra


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