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कविता

तितली है खामोश ! – डॉo सत्यवान सौरभ

  बदल रहे हर रोज ही, हैं मौसम के रूप ! ठेठ सर्द में हो रही, गर्मी जैसी धूप !!… Read More

5 years ago

डिग्रियां टंगी दीवार सहारे,मेरिट का ऐतबार नहीं है।

एक बेरोजगार का दर्द डिग्रियां टंगी दीवार सहारे,मेरिट का ऐतबार नहीं है। सजी है अर्थी नौकरियों की,देश में अब रोजगार… Read More

5 years ago

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