साहित्य जगत
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कूड़ा-कबाड़ा नहीं है “औरत”
पंजाबी की प्रसिद्ध लेखिका अजीत कौर की आत्मकथा ‘कूड़ा-कबाड़ा’ वैसे तो ‘ख़ानाबदोश’ के बाद लिखी गई है, पर इसमें ‘ख़ानाबदोश’…
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क्यों बन गया जोशीमठ एक टाइम बम जैसा?
आध्यात्मिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड का प्राचीन शहर जोशीमठ जमीन धंसने की खबरों को लेकर पिछले कई दिनों…
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राहू केतू का मारा सर्वहारा
कई दिनों से अपने खास यार दोस्तों से बहुत परेशान चल रहा था। जिस दोस्त पर भी विश्वास करता वही…
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सरकार के निर्णयों पर न्यायपालिका सोच बदले?
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा देश वासियों की ओर से चुने गए प्रतिनिधि जनता के सेवक हैं। देश…
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कदम-कदम बढ़ाए जा…
बेरोजग़ारी, गरीबी और अभाव ऐसी स्थिति है जिससे हर कोई बचना चाहेगा। बहुत मेहनत के बावजूद भी बहुत से लोग…
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प्राध्यापकों का शोषण न हो
देश के अनेक कॉलेज और विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों का आर्थिक और सामाजिक शोषण चिंता का विषय है। सबसे पहले देश…
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डिजिटल इंडिया का अधूरा सपना कब पूरा होगा?
बैंक जैसी सुविधाओं का होना हर व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि हर व्यक्ति चाहता है कि…
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दवा माफियों के इशारे पर कोरोना का भौंकाल
कोरोना की दस्तक होते ही दुनिया में एक बार फिर भय का वातावरण निर्मित होने लगा है। चीन की चालाकियों…
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एडटेक की दुनिया तक एक समान पहुँच बनाना ज़रूरी है!
आजकल जीवन के हर क्षेत्र में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है. वैश्विक महामारी के कारण शिक्षा के…
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आइये नव वर्ष में अपनी पसंद को क्षमताओं में बदले…
किसी व्यक्ति द्वारा किया जाने वाला चुनाव उसकी निर्णय लेने की क्षमता के बारे में है जो उसके भीतर गहरे…
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