।। घर घर की पहचान हैं ये लड़कियां ।। आज़ाद पंक्षी सी होती हैं ये लड़कियां हर पंख से एक…
इस जहां में मैं खुद को तलाशता रहा.... मैं कौन हूं... क्या है मेरा वजूद....? बस खुद से किए सवाल…
सफलता के पैमाने टूट जाते हैं और तमाम प्रश्न दिमाग़ में कौंदने लगते हैं, जब तथाकथित सफल व्यक्ति अपने जीवन…
मासिक धर्म के नाम पर ये आडंबर क्यूं ?? मैं! पूछना चाहती हूं इस समाज धर्म के ठेकेदारों से आखिर!…
हमारे समाज में जो भी घटनाएं होती आ रही रहा है? देश दुनियां की राजनीतिक में होता आ रहा है?…
नर शब्द का स्त्रीलिंग नारी है पर ध्यान देने वाली बात है कि, नर शब्द के साथ कभी शक्ति शब्द…
नजरें चुरा के जमाने से तुम मिलने आना किसी बहाने से तुम। लोग खड़ी करेंगे दीवार उठाएंगे उंगलियां बेशुमार। जिनको…
आज भी परंपराओं को निभाने की परंपरा जिंदा है। पैदा होने से लेकर मरने तक यहां आदमी परंपराओं को निभाता…
थोड़ी देर ठहर जाऊं पीपल की छांव में दूर से चल के आया हूं तेरे गांव में। ना भूंख देखी…
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