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अफसरों के फेर में फंसा अनुदेशकों का स्थानांतरण
जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों का जिले के अंदर स्थानांतरण किया जाना है इसके लिए शासन की ओर से ऑनलाइन अनुबंध नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। स्थानांतरण का आवेदन करने वाले अनुदेशक अधिकारियों के फेर में फंस गए हैं क्योंकि गलत स्थानांतरण नीति की वजह से वे अपने घर से और दूर पहुंच जायेंगे।

- नई स्थानांतरण नीति में अनुदेशक न घर के रहे ना घाट के
अमन यात्रा , कानपुर देहात। जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों का जिले के अंदर स्थानांतरण किया जाना है इसके लिए शासन की ओर से ऑनलाइन अनुबंध नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। स्थानांतरण का आवेदन करने वाले अनुदेशक अधिकारियों के फेर में फंस गए हैं क्योंकि गलत स्थानांतरण नीति की वजह से वे अपने घर से और दूर पहुंच जायेंगे।
जनपद में करीब 204 अनुदेशक कार्यरत हैं वहीं पूरे प्रदेश में लगभग 26000 अंशकालिक अनुदेशक तैनात हैं। शासन के द्वारा इस बार दूसरी बार अनुदेशकों के लिए ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू की गई है जिसमें विभाग के द्वारा 100 से अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों की विषयवार रिक्त पदों की सूची एवं सरप्लस अनुदेशको की सूची जारी की गई है।
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किंतु इस ट्रांसफर प्रक्रिया में जो नियम रखे गए है वो अनुदेशकों के हित मे नहीं हैं। अनुदेशक संघ के सरवनखेड़ा ब्लॉक अध्यक्ष ऋषभ बाजपेई का कहना है कि इस ट्रांसफर एवं म्यूचअल प्रक्रिया में बहुत खामियां है। रिक्त पद वाले विद्यालयो में विभाग ने सिर्फ उन विद्यालयो को सम्मिलित किया है जिनमे वर्तमान में अनुदेशक हैं, जिन विद्यालयो में पूर्व में अनुदेशक कार्यरत थे और उनमें छात्र संख्या 100 से अधिक है एवं अन्य ऐसे विद्यालय जिनमे वर्तमान में छात्र संख्या 100 से अधिक है उनको शामिल नहीं किया गया है। इसी तरह से अगर सरप्लस सूची की बात की जाए तो उसमें कई संविलियन विद्यालयों के नाम है जबकि उन संविलियन विद्यालयों में छात्र संख्या 100 से अधिक है। एक तरफ विभाग ने 1 सप्ताह पूर्व अपने आदेश में ये लिखा है कि संविलियन विद्यालय का अनुदेशक 1 से 8 तक के सभी छात्रों को पढ़ाएगे तो फिर अनुदेशक नवीनीकरण में सिर्फ 6 से 8 की छात्र संख्या ही क्यों ली जा रही है।
संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय मनावा में वर्तमान छात्र संख्या 209, संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय जोत में वर्तमान छात्र संख्या 232 है किंतु इन विद्यालयों के अनुदेशकों को सरप्लस की सूची में रखा गया है। वहीं दूसरी तरफ जब अनुदेशक नवीनीकरण में 30 सितंबर की संख्या के आधार पर नवीनीकरण होता है तो वर्तमान संख्या के आधार पर सरप्लस क्यों किया गया है इतना ही नहीं कई विद्यालय ऐसे हैं जहां वर्तमान में भी छात्र संख्या 100 से अधिक है और वहां के अनुदेशकों को सरप्लस कर दिया गया है। मुझे लगता है ये ट्रांसफर अनुदेशक हित मे नहीं बल्कि अनुदेशको का अहित करने के उद्देश्य से किये जा रहे हैं। विभाग इस ट्रांसफर में ऐसे नियम बनाकर अनुदेशकों की संख्या धीरे धीरे कम करना चाहती है। अगर इन खामियों को सही नहीं किया गया तो हमे इसके लिए न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि अंशकालिक अनुदेशकों की नवीन विद्यालय के अनुबंध नवीनीकरण की प्रक्रिया छह जून से प्रारंभ हो गई है जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दिशा निर्देश के अनुसार अनुदेशकों से आवेदन करने की अपील की है। सभी सूची निदेशालय स्तर से जारी की गई हैं अनुदेशकों का स्थानांतरण अधिभार अंकों के आधार पर किया जाएगा।
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