प्रदेश में एक से शुरू होगा मतदाता पुनरीक्षण अभियान, पांच जनवरी को निर्वाचन नामवालियों का प्रकाशन
उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने शनिवार को अपनी तैयारियों से मीडिया को अवगत कराया।

लखनऊ,अमन यात्रा । उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने शनिवार को अपनी तैयारियों से मीडिया को अवगत कराया।
उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने मीडिया को जनकारी दी कि मतदाता सूची विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान एक नवम्बर से शुरू होगा। इस अभियान में सात, 13, 21 तथा 27 नवम्बर तक पुनरीक्षण होगा। अगर किसी को भी अपना नया वोटर आइडी कार्ड बनवाना है तो वह 30 नवंबर तक बनवा सकते हैं। एप की मदद से भी ऑनलाइन वोटर आइडी कार्ड बनवाया जा सकता है। इसमें तो नाम जुड़वाने के साथ संशोधन की भी ऑनलाइन व्यवस्था भी है। अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि इसके बाद दावे और आपत्तियों का निस्तारण काम 20 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। अयोग पांच जनवरी को निर्वाचक नामावलियों का प्रकाशन करेगा। चार जनवरी तक निर्वाचन नामवली में नाम जोड़ा जा सकता है। पांच जनवरी को निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन होगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण करने का निर्देश दिया है। इसके लिए एक से कार्यक्रम शुरू हो रहा है। एक से विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली हो का आलेख प्रकाशन होगा। दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि एक से 30 नवम्बर तक जारी रहेंगी। इसी दौरान विशेष अभियान सात, 13, 21 तथा 27 नवम्बर को रहेगा। इसके बाद 20 दिसम्बर तक दावे और आपत्तियों का निस्तारण होगा। पांच जनवरी 2022 को निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
उन्होंने अपील की है कि सभी मतदाता सूची में शामिल हों। इसके लिए अपना नाम जरूर मतदाता लिस्ट में जुड़वाएं। मतदाता का नाम एक ही जगह रह सकता है। दूसरी जगह किसी कीमत पर नाम दर्ज नहीं हो सकता है। नया कार्ड बनवाने के इच्छुक अपने बर्थ सर्टिफिकेट के साथ पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या आधार कार्ड लगाकर मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकते हैं। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी जांच करने के बाद कोई डॉक्यूमेंट ना होने के बावजूद जांच करके 18 वर्ष से ऊपर के मतदाता को मतदाता सूची में शामिल कर सकते हैं।
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