अभ्यर्थियों की मांग : भर्ती में जितनी देर, आयु सीमा में मिले उतनी छूट
हर साल एक लाख सरकारी और 15 लाख निजी क्षेत्र में नौकरी मुहैया कराने का उत्तर प्रदेश सरकार का दावा महज प्रोपेगैंडा है। सच्चाई यह है कि प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है, यहां तक कि विधानसभा चुनावों में रिक्त पदों को भरने के वादे को भी पूरा नहीं किया गया और अभी भी 6 लाख से ज्यादा रिक्त पद पड़े हुए हैं।

- लाखों भर्तियों का दावा महज प्रोपेगैंडा
- दस-दस साल से नहीं आई भर्ती, इंतजार में ओवरएज हो गए लाखों अभ्यर्थी
- हर साल भर्ती की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चलाएंगे छात्र
कानपुर देहात। हर साल एक लाख सरकारी और 15 लाख निजी क्षेत्र में नौकरी मुहैया कराने का उत्तर प्रदेश सरकार का दावा महज प्रोपेगैंडा है। सच्चाई यह है कि प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है, यहां तक कि विधानसभा चुनावों में रिक्त पदों को भरने के वादे को भी पूरा नहीं किया गया और अभी भी 6 लाख से ज्यादा रिक्त पद पड़े हुए हैं।
उक्त बातें संयुक्त युवा मोर्चा के केंद्रीय टीम के सदस्य राजेश सचान ने कहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोजगार के अवसरों में भारी गिरावट आई है जोकि श्रम शक्ति भागीदारी दर में रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर आने से स्वतः स्पष्ट है। पिछड़े जनपदों में तो बेरोजगारी की भयावह स्थिति है। ग्रामीण आजीविका मिशन, रोजगार मेलों, मुद्रा लोन और स्टार्टअप जैसी योजनाओं के दावे जमीनी हकीकत के उलट हैं। यही हाल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजनों का है। उन्होंने कहा कि युवाओं के समूहों को उद्यम खोलने के लिए पूंजी, तकनीक व बाजार की गारंटी और टमाटर, मिर्च प्रोसेसिंग उद्योग, दाल मिल खोलने जैसे उपायों से यहां बेकारी की समस्या हल हो सकती है लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं किया जा रहा है।
वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बेरोजगार युवाओं का कहना है कि प्रदेश में एक मात्र पीसीएस के पदों पर भर्ती को छोड़कर कोई भी भर्ती नियमित अंतराल से नहीं हो रही है। कई पदों पर तो दस-दस साल से भर्ती नहीं निकली भर्तियों के इंतजार में लाखों अभ्यर्थी ओवरएज हो गए। अभ्यर्थी चाहते हैं कि भर्ती में जितनी देर हो उसमें शामिल होने के लिए ओवरएज अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में उतनी ही छूट मिले क्योंकि सरकार की गलत नीतियों एवं गलत कार्य प्रणालियों की वजह से भर्तियां 10-10 वर्षों तक पूरी नहीं हो पातीं और बेरोजगार युवा प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में ओवरएज हो जाते हैं।
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