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बच्चों के स्वास्थ्य संप्रेषण और संलग्नता पर केंद्रित हैं बालवाटिका की गतिविधियां : अनन्त त्रिवेदी
निपुण भारत अभियान के अंतर्गत चलाए जा रहे स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम की 12 सप्ताह की गतिविधियों के प्रत्येक परिषदीय विद्यालय में विधिवत संचालन हेतु रविवार को नोडल एसआरजी द्वारा जनपद के एआरपी, शिक्षक संकुल, नोडल शिक्षक व प्रधानाध्यापकों की वर्चुअल अभिमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई।

कानपुर देहात,अमन यात्रा : निपुण भारत अभियान के अंतर्गत चलाए जा रहे स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम की 12 सप्ताह की गतिविधियों के प्रत्येक परिषदीय विद्यालय में विधिवत संचालन हेतु रविवार को नोडल एसआरजी द्वारा जनपद के एआरपी, शिक्षक संकुल, नोडल शिक्षक व प्रधानाध्यापकों की वर्चुअल अभिमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त ने कहा कि बच्चों की विद्यालयों में प्रसन्नता के साथ नियमित उपस्थित ही उनके पठन पाठन से जुड़ने की पहली आवश्यकता है जिसको ध्यान में रखकर ही स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम बना है।
एसआरजी अनंत त्रिवेदी ने कहा कि निपुण भारत अभियान के प्रमुख तीन लक्ष्यों बच्चों का स्वास्थ्य, संप्रेषण और संलग्नता को केंद्रित रखकर ही बालवाटिका की गतिविधियां तैयार की गई है जिसमें शिक्षकों की सक्रियता और बच्चों का अनौपचारिक आकलन प्रभावकारी परिणाम देगा साथ ही चहक कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों को भी शिशु मित्र के रुप में जोड़ा जाए।
एआरपी रवि द्विवेदी ने बताया कि 12 सप्ताह की गतिविधियों में प्रतिदिन की अलग अलग गतिविधियाँ है ताकि बच्चे रोचकता और जिज्ञासा से हर दिन कुछ नया रूचि पूर्ण खेल खेल में सीखने के लिए विद्यालयों की ओर आकर्षित हों। एआरपी मनोज कुमार शुक्ला ने बताया कि विद्या प्रवेश कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु नोडल शिक्षक, प्रधानाध्यापक, शिक्षक संकुल ,एआरपी आदि सभी के दायित्व राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा तय हैं। जिसका निरंतर अनुश्रवण भी होगा इसलिए गतिविधियों के संचालन के साथ विधिवत अभिलेखीकरण भी आवश्यक है। कार्यशाला मे जिले के समस्त एआरपी, शिक्षक संकुल, नोडल शिक्षक, प्रधानाध्याकों ने प्रतिभाग किया।
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